बुंदेलखंड का एक राज्य, जो पेशवा बाजीराव द्वितीय के अधीन था। तीसरे मराठा-युद्ध (दे.) में उसके हार जाने पर १८१९ ई. में यह राज्य ब्रिटिश भारतीय सरकार के संरक्षण में आ गया। १८५३ ई. में लार्ड डलहौजी के प्रशासन काल में जब्ती का सिद्धांत लागू करके यह राज्य ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य में शामिल कर लिया गया। इससे झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई (दे.) कुपित हो गयीं और १८५८ ई. में वह विप्लवियों के दल में सम्मिलित हो गयीं।