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Bharatiya Itihas Kosh

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ओदन्तपुरी
उड्यंतपुर भी कहते हैं, यह बिहार में स्थित है। आठवीं शताब्दी के मध्य में बंगाल और बिहार में पालवंश के संस्थापक गोपाल ने यहां एक महाविहार की स्थापना की थी। यह एक महत्त्वपूर्ण विद्या-केन्द्र बन गया। तेरहवीं शताब्दी के आरम्भ में बख्तियार (दे.) के पुत्र मुहम्मद के नेतृत्व में मुसलमान आक्रमणकारियों ने इसे नष्ट कर दिया।

ओनेसि क्राइटोस
एक प्रसिद्ध ग्रीक इतिहासकार, जिसने भारत पर सिकन्दर के आक्रमण का वृत्तान्त लिखा है। वह सिकन्दर के साथ ३२६ ई. पू. में तक्षशिला तक आया था। यद्यपि उसके द्वारा लिखित इतिहास अब उपलब्ध नहीं है, तथापि उसके कुछ उद्धरण अन्य यूनानी इतिहासकारों की रचनाओं में उपलब्ध हैं।

ओर्मे राबर्ट (1728-1801 ई.)
भारत का एक अंग्रेज सैनिक इतिहासकार। उसका जन्म दक्षिण भारत में हुआ, पिता भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी में सर्जन था। वह १७४३ ई. में बंगाल में लिपिक नियुक्त हुआ। छुट्टी पर जहाज में इंग्लैण्ड जाते समय राबर्ट क्लाइव (दे.) से इसकी घनिष्ठ मैत्री हो गयी। यह मैत्री दीर्घ कालतक चली। वह १७५४ से १७५८ ई. तक मद्रास कौंसिल का सदस्य रहा और कलकत्ता पर फिर से अधिकार करने के लिए क्लाइव के नेतृत्व में, फौज भेजने का जो निर्णय किया गया, उसमें मुख्य रूप से उसी का हाथ था। उसका अंग्रेजी में लिखित 'हिन्दुस्तान में ब्रिटिश राष्ट्र की सन १७४५ से 'फौजी काररवाइयों का इतिहास' शीर्षक से विशाल ग्रंथ तीन खंडों में १७६३-७८ ई. में प्रकाशित हुआ। इसके पूर्व का वृत्तान्त 'ऐतिहासिक प्रकरण' शीर्षक से १७८१ ई. में प्रकाशित हुआ। उसने अपने ग्रंथों में अत्यन्त व्यौरेवार विवरण दिया है और उसके 'इतिहास' में उस काल का सबसे प्रामाणिक विवरण है। मेकाले ने अपना ग्रंथ लिखने में उससे बहुत सहायता ली है। उसने हस्तालिखित ग्रंथों का बहुमूल्य संग्रह किया था, जो अब इंडिया लाइब्रेरी में सुरक्षित है।


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