स.क्रि. देश. 1. किसी गोलाकार वस्तु को इस तरह से घुमाना कि चक्र पूरा होने पर वही स्थान फिर से आ जाए। जैसे: माला फेरना। 2. लौटाना उदा. उसने दहेज का सामान फेर दिया-यह अच्छा किया। 3. उलटना-पलटना जैसे: तवे पर रोटी को फेरना। 4. किसी वस्तु को विपरीत दिशा में करना। जैसे: मुँह फेरना। मुहा. पानी फेरना=नष्ट कर देना।
फेरबदल
द्विरुक्ति (फेरना+बदलना) वर्तमान स्थिति में किया गया परिवर्तन। जैसे: मंत्रिमंडल में इस बार काफी फेर बदल होने वाला है।
फेरा
देश.(हि.[फेरना) 1. चारों ओर घूमने का भाव, परिक्रमा। जैसे: विवाह के अवसर पर अग्नि के सात फेरे लिए जाते हैं। 2. बार-बार आना-जाना, गश्त। जैसे: पुलिस या चौकीदार का फेरा।
फेरी
हि. (फेरा) दे. फेरा
फेरीदार
(हि.फेरी+फा.दार) वह व्यक्ति जो चारों ओर घूम फिर कर सामान बेचता है या किसी महाजन या दुकानदार की तरफ से घूम-घूम कर कर्जदारों से धन वसूलने का काम करता है।
फेरीलगाना
अ.क्रि. सब ओर घूम फिर कर सामान बेचना या और कोई काम करना।
फेरीवाला
घूम-फिर कर चीजों बेचने वाला।
फेल
(अं.) 1. जो किसी अभीष्ट कार्य या योजना को पूरा करने में सफल न हुआ हो, असफल। जैसे: उसकी स्कूल बनाने की योजना फेल हो गई। 2. जो परीक्षा, साक्षात्कार आदि अनुत्तीर्ण हो। 3. यांत्रिक गड़बड़ी के कारण किसी कार्य का न होना। जैसे: छपाई मशीन फेल हो जाने से आज पत्रिका नहीं छप सकी।
फेहरिस्त
(1) सूची पत्र; (2) सूची।
फैंतासी
(अं. (फैन्टेसी) 1. स्वच्छंद कल्पना। ऐसी कल्पना जिसका कोई आधार नहीं है। 2. (काव्य.) जो कविता, कहानी, नाटक आदि यथार्थ पात्रों या यथार्थ दृश्य योजना पर आधारित न होकर स्वच्छंद कल्पना से युक्त होते हैं। जैसे: कवि की इस कविता में फैंतासी के प्रयोग से सौंदर्य बढ़ गया है। 2. कालिदास ने मेघ को दूत बनाकर संस्कृत काव्य में फैंतासी का प्रयोग किया है। fantasy