किसी भौतिक वस्तु की बनावट को प्रकट करने वाला उसका स्वरूप। पर्या. आकृति, सूरत, स्वरूप, डील-डौल, बनावट, गठन।
आकार प्रकार
(आकार = स्वरूप, सूरत, आकृति, गठन); (प्रकार = ढंग, तरीका) किसी वस्तु का वह स्वरूप और गुण की पहचान को अन्य वस्तुओं से अलग करता है।
आकाश
1. पृथ्वी से ऊपर नीले रंग का दिखाई देने वाला शून्य स्थान। पर्या. आसमान, नभ, अंतरिक्ष sky विलो. पाताल 2. समस्त आकाशीय पिंडों के चारों ओर का खाली भाग। 3. एक लचीला पारदर्शी तत् व जिसमें से होकर सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पहुँचती हैं। ether 4. दर्शन. पंच महाभूतों में से एक, जिसका गुण 'शब्द' (आवाज़) है। मुहा. आकाश-कुसुम/पुष्प असंभव या अनहोनी बात। आकाश छूना/से बातें करना = बहुत ऊँचे जाना। आकाश के तारे तोड़ना = असंभव कार्य करना।
आकाश कुसुम
(आकाश-कुसुम) 1. आकाश में फूल खिलने या उगने की कल्पना असंभव की कल्पना। 2. ऐसी वस्तु, बात या इच्छा इत्यादि जिसकी मात्र कल्पना की जा सके, अस्तित्वविहीन। जैसे: आकाश कुसुम देखना बंद करो।
आकाशगंगा
शा. अर्थ आकाश में बहने वाली गंगा। खगो. बड़े घेरे के रूप में आकाश में रात में दिखाई पड़ने वाली तारों की फैली हुई एक धूमिल-सी लंबी पट्टी। milky way
आकाशदीप
समुद्र में जा रहे जहाजों (जलपोतों) के मार्गदर्शन के लिए समुद्र तट पर निर्मित स्तंभ जिस पर तेज रोशनी चारों दिशाओं में बारी-बारी से चमकाई जाती है। पर्या. दीपस्तंभ light house
आकाशवाणी
शा.अर्थ दैवी वाक्, देववाणी। सा.अर्थ 1. आकाश से सुनाई पड़ने वाली वह आवाज़ या बात जो ईश्वर की ओर से कही हुई मानी जाए। जैसे: कंस के प्रति देवकी को भेजे जाने के समय हुई आकाशवाणी। 2. वर्तमान में भारत के 'रेडियो तंत्र' के लिए स्थिर कर दिया गया व्यक्तिवाचक नाम।
आकुल
घबराया हुआ, व्यग्र। टि. समस्त पदों में यह उत्तरपद के रूप में प्रयुक्त होता है (जैसे: शोकाकुल, चिंताकुल आदि) अन्यथा एकल शब्द के रूप में आकुल के स्थान पर प्राय: 'व्याकुल' का प्रयोग देखा गया है। दे. 'आकुलता'।
आकुलता
घबराने या परेशान होने की मानसिक स्थिति जो प्राय: शारीरिक लक्षणों से प्रकट होती है। पर्या. व्याकुलता।
आकृति
किसी वस्तु या व्यक्ति आदि का वह दृश्यमान स्वरूप जो रेखाओं अथवा छाया-चित्रण से प्रकट होता है; बनावट, ढाँचा, गठन। जैसे: मानवाकृति, छायाकृति, मुखाकृति, त्रिभुजाकृति।