क्रमिक वर्गीकरण
पारंपरिक तर्कशास्त्र में, किसी समान गुण से युक्त वस्तुओं को उस गुण की अधिक और कम मात्रा के अनुसार एक क्रम में रखना। इस क्रम में सर्वप्रथम वस्तुओं के उस वर्ग को रखा जाता है जिसके अंदर संबंधित गुण सबसे अधिक मात्रा में होता है और सबसे अंत में उसे जिसमें वह अल्पतम मात्रा में होता है। इस प्रकार क्रम अवरोही होता है।
Classification By Type
प्रारूपी वर्गीकरण
ह्यूएल (Whewell) के अनुसार, किसी वर्ग की विशेषताओं को स्पष्टतः और पूर्णतः अभिव्यक्त करने वाले एक व्यष्टि को प्ररूप मानकर उसके साथ न्यूनाधिक सादृश्य के आधार पर व्यष्टियों को एक समूह में व्यवस्थित करना।
Classificatory Concept
वर्गीकरणात्मक संप्रत्यय
वह संप्रत्यय जो वस्तुओं को दो या अधिक वर्गों में व्यवस्थित करने में सहायता करे।
Class Interest
वर्ग हित
समाज दर्शन और राजनीतिक दर्शन में इस शब्द का प्रयोग किया गया है जैसे- मध्य-युगीन काल में धर्मगुरूओं का महत्व बढ़ना।
Class Inclusion
वर्ग-अंतर्भाव, वर्ग-समावेश
एक वर्ग का दूसरे वर्ग में शामिल होना : ऐसा तब होता है जब किसी वर्ग का प्रत्येक सदस्य दूसरे वर्ग का भी सदस्य होता है; जैसे सभी गायें चौपाये पशु हैं।
Classless Society
वर्गहीन समाज
मार्क्स द्वारा संकल्पित एक विशेष प्रकार का समाज। इस विचार के विपरीत वर्ग समाज (class society) की अवधारणा है।
Class-Membership Proposition
वर्गसदस्यता-प्रतिज्ञप्ति
वह प्रतिज्ञप्ति जो किसी वस्तु का किसी वर्ग से संबंध बताये, जैसे `टैगोर बंगाली हैं।`
Cleanliness
स्वच्छता, शुचिता
शारीरिक, मानसिक, वाणी की शुद्धता।
Clericalism
पुरोहितवाद
धार्मिक क्षेत्र में धर्म गुरूओं का एकाधिकार।
Closed Class
संवृत वर्ग
वह वर्ग जिसके सदस्यों की एक सूची द्वारा गणना की जा सके।