सहविपक्षी
तर्कशास्त्री जॉनसन के अनुसार, ऐसे दो पद प और फ जिनके बारे में यह कहा जा सकता हो कि `कोई भी प फ नहीं है` तथा `प्रत्येक वस्तु या तो प है या फ`।
Copula
संयोजक
पारंपरिक तर्कशास्त्र में, प्रतिज्ञप्ति में उद्देश्य तथा विधेय को संयुक्त करने वाला शब्द जो 'होना' क्रिया का एक रूप होता है, जैसे:- `है` और `नहीं है`।
Copulative Proposition
संयोजित प्रतिज्ञप्ति
तर्कशास्त्र में, वह मिश्र प्रतिज्ञप्ति जिसमें एक से अधिक विध्यात्मक प्रतिज्ञप्तियाँ होती है, जैसे :- `राम अच्छा आदमी है और मोहन बुरा है।`
Copulative Syllogism
संयोजित न्यायवाक्य
वह न्यायवाक्य जिसका निष्कर्ष एक योजित प्रतिज्ञप्ति (जैसे:- `अ ब है v स द है` हों।
Copy Theory
अनुकृति-सिद्धांत
लॉक इत्यादि इंद्रियानुभववादियों का वह मत कि प्रत्यय मन के अंदर बाह्य वस्तुओं का प्रतिबिंब होता हैं।
Co-Remainder
सहशेष
तर्कशास्त्री जॉनसन के अनुसार, किसी निर्दिष्ट वर्ग (प) को निकाल देने के पश्चात् विश्व में जो कुछ बचता है वह सब (अ-प)
Corollary
उपनिगमन, उपप्रमेय
किसी निगमन का आधारवाक्यों से सिद्ध होने वाला एक अतिरिक्त निगमन; अथवा किसी प्रमेय से स्वाभाविक रूप से निगमित होने वाली कोई ऐसी प्रतिज्ञप्ति जो इसती स्पष्ट हो कि उसे अलग से सिद्ध करने की आवश्यकता न हो।
Corrective Justice
सुधारक न्याय
किसी समुदाय के व्यक्तियों द्वारा पारस्परिक व्यवहार में हुई भूलों या दोषों के निवारण में प्रकट होने वाला न्याय।
Cosmocentric View
विश्वकेन्द्रित मत
मनुष्य को सृष्टि का केंद्र माननेवाले मत के विपरीत वह मत कि मनुष्य तो विश्व के विकास में आनुषंगिक रूप से पैदा होने वाली एक तुच्छ वस्तु है।
Cosmogony
सृष्टिमीमांसा
ब्रह्मांड की उत्पत्ति एवं विकास से संबंधित अध्ययन, जो वैज्ञानिक हो सकता है, दार्शनिक हो सकता हैं और निरा कल्पनात्मक भी हो सकता हैं, जैसा कि पुराणों और लोककथाओं में बहुधा पाया जाता है।