परिणामनिरपेक्ष नीति, फलनिरपेक्ष नीति
वह नीति जो किसी कर्म के औचित्य को अनन्य रूप से उसके अच्छे परिणामों पर (या कर्ता के अच्छे अभिप्राय पर) आधारित नहीं मानती।
Deontology
कर्तव्यशास्त्र
व्यक्ति के कर्तव्यों तथा नैतिक आबंधों का अध्ययन करने वाला शास्त्र।
Depravity
सहज दृष्टता
व्यक्ति की बुरे कर्म करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति (जिसे ईसाई धर्म में आदम के पतन का कारण माना गया है)।
Derivative Law
व्युत्पन्न नियम
वह गौण नियम जो मूल नियम से निगमन के द्वारा प्राप्त हुआ हो, जैसे - ज्वार-भाटे का नियम, जो गुरूत्वाकर्षण के मूल नियम से निगमित है।
Descriptive Ethics
वर्णनात्मक नीतिशास्त्र
नीतिशास्त्र (समाजशास्त्र कहना अधिक उचित होगा) की वह शाखा (आदर्श नीति से भिन्न) जो विभिन्न देशों, कालों और समुदायों में प्रचलित नैतिक आचारों, आदर्शों और नियमों का वर्णन करती है।
Descriptive Hypothesis
वर्णनात्मक प्राक्कल्पना
वह प्राक्कल्पना जो किसी घटना के घटित होने की विधि का वर्णन करे, जैसे :- यह प्राक्कल्पना कि चोर छत से होकर आया होगा और पाइप के सहारे उतर कर भागा होगा।
Descriptive-Semantics
वर्णनात्मक अर्थविज्ञान
सहज भाषाओं का वैज्ञानिक अध्ययन या विवेचन। प्रायः यह भाषा विज्ञान के समरूप हैं।
Desire
इच्छा, एषणा
किसी आवश्यकता की पूर्ति करने वाली वस्तु को प्राप्त करने का चेतन आवेग। जैसे - पुत्र एवं वित्त इत्यादि प्राप्त करने की इच्छा।
Destiny
नियति, भवितव्यता
वह घटना जिसका होना पहले से निश्चित हो; अथवा ईश्वर के द्वारा पहले से निर्धारित घटना-क्रम।
Destructive Dilemma
निषेधक उभयतःपाश
वह उभयतःपाश जिसमें पक्ष-आधारवाक्य में एवं साध्य-आधारवाक्य में समाविष्ट फलों का विकल्पतः निषेध किया जाता है और निष्कर्ष में उसके हेतुओं का विकल्पतः निषेध किया जाता हैं।
उदाहरण : यदि मनुष्य बुद्धिमान है तो वह अपने तर्क की व्यर्थता को समझ लेगा और यदि वह ईमानदार है तो वह अपनी गलती मान लेगा। या तो वह अपने तर्क की व्यर्थता को नहीं समझता या समझते हुए भी अपनी गलती नहीं मानता।
∴ या तो वह बुद्धिमान नहीं है या वह ईमानदार नहीं है।