यज्जातिविधेयम् तद्व्यक्ति विधेयम् (अभ्युक्ति)
तर्कशास्त्र में अरस्तू के अनुसार, न्यायवाक्य का (विशेषतः प्रथम आकृति का) वह आधारभूत नियम कि जो बात एक पूरे वर्ग के लिये सत्य है, वह बात उस वर्ग के प्रत्येक सदस्य के लिये सत्य होगी।
Dictum De Reciproco
इतरेतर-अभ्युक्ति
तर्कशास्त्र में, लैम्बर्ट के अनुसार, चतुर्थ आकृति का वह आधारभूत नियम कि यदि किसी वस्तु के बारे में एक विधेय को पूर्णतः या अंशतः स्वीकार किया जाता है अथवा पूर्णतः अस्वीकार किया जाता है तो स्वयं उस वस्तु को किसी भी ऐसी वस्तु के विधेय के रूप में अंशतः स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है, जिसका उस विधेय के बारे में विधान किया जाता है, तथा यदि किसी वस्तु के बारे में एक विधेय को पूर्णतः स्वीकार किया जाता है तो स्वयं उस वस्तु का किसी भी ऐसी वस्तु के विधेय के रूप में पूर्णतः निषेध किया जा सकता है जिसका उस विधेय के बारे में निषेध किया जाता है।
Didas Calic Syllogism
निदर्शनात्मक न्यायवाक्य
वह न्यायवाक्य जिसकी प्रतिज्ञप्तियाँ पूर्णतः निश्चयात्मक हों।
Differentia
अवच्छेदक
वह (या वे) सामान्य अनिवार्य गुण जो एक ही जाति की उपजातियों को परस्पर पृथक करता है (या करते हैं), जैसे :- प्राणियों के अन्दर मनुष्य को अन्य प्राणियों से पृथक करनेवाला तर्कबुद्धिशील होने का गुण।
Differentiating Attribute
व्यावर्तक गुण
ब्रॉंड के अनुसार, द्रव्य-गुण अर्थात् द्रव्य होने के लिये आवश्यक गुण से भिन्न वह विशेष और सरल गुण जो एक द्रव्य को उस विशेष प्रकार का द्रव्य बनाता है, तथा जो किसी संमिश्र द्रव्य में होने की दशा में उसके भागों का भी गुण अवश्य होता है।
Dilemma
उभयतोपाश
न्यायवाक्य का वह प्रकार जिसमें प्रथम आधारवाक्य में दो हेत्वाश्रित प्रतिज्ञप्तियों का संयोजन होता हैं तथा दूसरा आधारवाक्य दो विकल्पों की स्वीकृति या अस्वीकृति के रूप में होता है और निष्कर्ष भी उसी के अनुरूप दो विकल्पों की स्वीकृति या अस्वीकृति के रूप में होता हैं। जैसे - यदि तुम आगे जाओगे तो शेर खा जाएगा और यदि पीछे जाओगे तो खाई में गिरोगे। या तो तुम आगे जाओगे या तुम पीछे जाओगे। अतः, या तो तुम्हें शेर खा जायेगा या तुम खाई में गिर जाओगे।
Dimaris
डि' मारिस
चतुर्थ आकृति का वह प्रामाणिक न्यायवाक्य जिसका साध्य-आधारवाक्य अंशव्यापी विधायक, पक्ष-आधारवाक्य सर्वव्यापी विधायक और निष्कर्ष अंशव्यापी विधायक होता है।
उदाहरण : कुछ स म हैं;
सभी स म हैं;
कुछ प स हैं।
Direct Fallacy Of Accident
उपाधि-साक्षात् दोष, उपलक्षण साक्षात् दोष
एक प्रकार का तर्कदोष जो तब होता है जब किसी सामान्य सत्य को विशेष या आकस्मिक परिस्थितियों में भी सत्य मान लिया जाता है।
उदाहरण : हत्या करने वाले को फांसी का दंड मिलता है;
सैनिक युद्ध में शत्रु की हत्या करता है;
अतः सैनिक को फांसी का दंड मिलना चाहिए।
Direct Intension
प्रत्यक्ष अभिप्राय
मैकेंज़ी (Mackenzie) के अनुसार, वह परिणाम जो कर्ता के कर्म का साक्षात् लक्ष्य होता है।
उदाहरणार्थ : एक आतंकवादी विस्फोटकों से एक गाड़ी को इसलिए उड़ा देता है कि उसमें यात्रा करने वाला एक व्यक्ति-विशेष मारा जाए, हालांकि और भी बहुत से लोग मारे जाते हैं, और इस बात को वह जानता था। यहाँ उस व्यक्ति-विशेष की मृत्यु प्रत्यक्ष अभिप्राय है।
Direct Knowledge
साक्षात् ज्ञान
अव्यवहित अथवा अपरोक्ष रूप से प्राप्त होने वाला ज्ञान।