डोक्सामोस्क
तर्कशास्त्र में, साक्षात् आकृत्यंन्तरण के लिये तृतीय आकृति के वैध विन्यास `बोचार्डो` के लिये प्रयुक्त वैकल्पिक नाम देखिये `bocardo`.
Double Epicheirema
उभयपक्षीय संक्षिप्त प्रतिगामी तर्कमाला
वह संक्षिप्त प्रतिगामी तर्कमाला जिसमें उत्तर-न्यायवाक्य के दोनों आधारवाक्यों को लुप्तावयव न्यायवाक्यों के द्वारा सिद्ध किया जाता है।
उदाहरण : सभी क ख हैं, क्योंकि सभी म ख हैं और सभी क म हैं;
सभी म ख हैं, क्योंकि सभी ल ख हैं; और सभी क म हैं, क्योंकि सभी क य हैं।
Dualism
द्वैतवाद
तत्वमीमांसा में, वह सिद्धांत जो दो स्वतंत्र तत्वों अथवा सत्ताओं को अंतिम मानता है। जैसे : पुद्गल और आत्मा को।
Duty
कर्तव्य
वह कर्म जो हमें इच्छा-अनिच्छा से करना ही चाहिए, अर्थात् जिसे करने के लिये हम नैतिक रूप से बाध्य हैं।
Dyadic Relation
द्विपदी संबंध
दो पदों का संबंध। जैसे : ''राम श्याम से बड़ा है'' में संबंध ''बड़ा होना''।
Dysteleology
उद्देश्यहीनता, असत्प्रयोजनवता, प्रयोजनहीनता
वह सिद्धांत जो यह मानता है कि इस विश्व में किसी वस्तु का कोई प्रयोजन नहीं है। यह मत प्रयोजनवाद का विरोधी सिद्धांत है।
Eclecticism
संकलनवाद, संकलन-वृत्ति
वह सिद्धांत जो मौलिक न होकर विभिन्न दार्शनिक और धार्मिक संप्रदायों या तंत्रों के तत्त्वों को लेकर बनाया गया हो; अथवा ऐसे तत्वों को ग्रहण करके आत्मसात् करने की वृत्ति।
Economic Determinism
आर्थिक नियतत्ववाद
वह सिद्धांत कि आर्थिक कारकों का सामाजिक, राजनीतिक और बौद्धिक विकास पर निर्णायक प्रभाव पड़ता है। कार्ल-मार्क्स इस सिद्धांत के प्रणेता हैं।
Ecpyrosis
अग्नि प्रलय
स्टोइक दर्शन में, एक निश्चित अवधि के पश्चात् संपूर्ण सृष्टि का अग्नि में भस्मसात् हो जाना।
Ecstasy
1. भावातिरेक : तीव्र भावात्मक उत्तेजना की वह अवस्था जिसमें व्यक्ति तर्क से ऊपर उठ जाता है और आत्म-संयम खो बैठता है।
2. हर्षातिरेक, हर्षोन्माद : हर्ष या आनन्द की तीव्रता की वह अवस्था जिसमें आत्मा अपने आराध्य से तादात्म्य कर लेती है और व्यक्ति उसमें इतना लीन हो जाता है कि उसकी साधारण लौकिक चेतना लुप्त हो जाती है।