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Definitional Dictionary of Philosophy (English-Hindi)
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Demonstrative Phrase
निदर्शनात्मक वाक्यांश (पदबन्ध) इस तरह की अभिव्यक्ति जैसे :- `यह मेज', 'वह आदमी`, जिसका प्रयोग इष्ट वस्तु की ओर संकेत करने के लिये किया जाता है।

Demonstrative Syllogism
निदर्शनात्मक न्यायवाक्य वह न्यायवाक्य जिसका आधार वाक्य पूर्णतः निश्चयात्मक हो और निष्कर्ष भी पूर्णतः निश्चयात्मक हो।

Demoralization
1. नैतिक पतन : नैतिक स्तर से गिर जाना। 2. मनोबल-ह्रास : व्यक्ति के आत्म-विश्वास, साहस, धैर्य या दृढता का क्षीण हो जाना।

Denotation
वस्त्वर्थ वे समस्त वस्तुएँ जिनके लिये एक शब्द का प्रयोग किया जाता है, जैसे - राम, शयाम इत्यादि सभी व्यक्ति जो 'मनुष्य' कहलाते हैं।

Denotational Definition
वस्त्वर्थक परिभाषा, द्रव्याभिधायक परिभाषा रसल के अनुसार किसी व्यक्ति विशेष अथवा वस्तु विशेष को किसी विशेष गुण के आधार पर निर्देशित करने वाली परिभाषा, जैसे ''दुनिया का सबसे ऊँचा पहाड़'' (हिमालय पर्वत)।

Denotative-Connotative View
वस्तु गुणार्थक मत निर्णय या प्रतिज्ञप्ति के उद्देश्य और विधेय के स्वरूप तथा संबंध के विषय में हैमिल्टन इत्यादि तर्कशास्त्रियों का वह मत कि उद्देश्य और विधेय दोनों ही अर्थों में अर्थात् वस्त्वर्थ में भी और गुणार्थ में भी ग्रहण किए जा सकते हैं। यह मत वस्त्त्वर्थक मत और गुणार्थक मत में समन्वय करने हेतु प्रस्तुत किया गया हैं। देखिये `denotative view` और `connotative view`।

Denotative Definition
वस्त्वर्थक परिभाषा वह परिभाषा जो परिभाष्य पद के वस्त्वर्थ पर आधारित हो।

Denotative View
वस्त्वर्थक मत निर्णय या प्रतिज्ञप्ति के उद्देश्य और विधेय के स्वरूप तथा संबंध के विषय में वह मत कि उद्देश्य और विधेय दोनों ही वस्त्वर्थ में ग्रहण किए जाते हैं तथा उद्देश्य के द्वारा व्यक्त वर्ग को विधेय के द्वारा व्यक्त वर्ग के अन्तर्गत, बहिर्गत या अशतः अंतर्गत अथवा अंशतः बहिर्गत बताया जाता है। तदनुसार ''सभी मनुष्य मरणशील हैं'' में मनुष्यों के वर्ग को मरणशीलों के वर्ग के अंतर्गत बताया गया है।

Denoting Phrase
वस्त्वर्थक वाक्यंश (पदबन्ध) यह वाक्यांश जो किसी ऐसे गुणधर्म या गुणधर्मों के एक ऐसे समुच्चय का बोध कराता है, जो किसी व्यक्ति, या वस्तु में पाया जाता है।

Deontic Logic
आबंधी तर्कशास्त्र विचार का वह क्षेत्र जिसमें ऐसे सिद्धांतों को सूत्रबद्ध और तंत्रबद्ध किया जाता है, जिसमें कि कोई भी कर्म आबंधी और निषिद्ध दोनों एक साथ नहीं हो सकते।


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