संकर-विभाजन, संकर वर्गीकरण
वह दोष पूर्ण तार्किक विभाजन जिसमें एक साथ एक से अधिक विपरीत व भिन्न विभाजक सिद्धांतों को प्रयुक्त किया जाता है, जैसे उपस्थिति-अनुपस्थिति को आधार बनाकर विभाजन किया जाता है जिसके फलस्वरूप एक व्यक्ति एक ही काल में एक से अधिक उपवर्गों का सदस्य बन जाता है। उदाहरण के लिये छात्र, वैज्ञानिक, राजनीतिज्ञ इत्यादि वर्गों में मनुष्य का विभाजन करना।
Cross-Roads Hypothesis
चतुष्पथ प्राक्कल्पना
मन एवं शरीर के संबंध के विषय में एक सिद्धांत जिसके अनुसार कोई भी वस्तु एक संदर्भ में मानसिक तथा दूसरे संदर्भ में भौतिक कही जा सकती है।
Crucial Experiment
निर्णायक प्रयोग
वह प्रयोग जो किसी एक प्राक्कल्पना को अंतिम रूप से सिद्ध कर देता है और अन्य प्रतिद्वंद्वी प्राक्कल्पनाओं को असिद्ध करने के लिये पर्याप्त है।
Cybernetics
संतात्रिकी, साइबरनेटिक्स
तंत्रिका-तंत्र का कंप्यूटर इत्यादि मनुष्य-निर्मित संज्ञापन तंत्रों से तुलनात्मक अध्ययन करने वाला शास्त्र।
Cyclic Recurrence
चक्रीय-प्रत्यावृत्ति
प्राचीन यूनानी दार्शनिक अनैक्सीमैन्डर (Anaximander) के अनुसार वस्तुओं के प्रकृत (आदिम) द्रव्य से उत्पन्न होने तथा पुनः लौटकर उसी में विलीन होने की शाश्वत आवर्ती प्रक्रिया।
Cynic
सिनिक
1. ई.पू. 5वीं शताब्दी में एण्टीस्थिनीज दार्शनिक द्वारा स्थापित सम्प्रदाय का एक अनुयायी जिसने स्वतंत्रता तथा आत्म-संयम पर विशेष बल दिया।
2. मानव-द्वेषी - व्युत्पत्तिलब्ध अर्थ, इसके अनुसार मानव के सभी कर्म सदैव स्वार्थ प्रेरित होते हैं।
Cynicism
1. सिनिकवाद - पाँचवी शताब्दी ईसा-पूर्व के यूनानी दार्शनिक एन्टिस्थिनीज़ का सिनिक सिद्धांत।
2. दोष-दर्शिता - व्यक्ति के प्रत्येक कर्म के पीछे कोई स्वार्थ या दोष देखना और इस कारणवश किसी अच्छे अभिप्राय से किये गये कर्म को भी संदेह की दृष्टि से देखना।
3. मानवद्वेष - मानव के प्रति घृणा।
Cyrenaicism
साइरेनेइकवाद
प्राचीन यूनानी दर्शन में एक विचारधारा जिसका जनक साइरीनी का ऐरिस्टिप्पस (aristippus) था। इसके अनुसार सुख की प्राप्ति ही जीवन का लक्ष्य है, शिक्षा, ज्ञान इत्यादि की आवश्यकता वहीं तक हैं जहाँ तक वे इच्छाओं की पूर्ति तथा सुख की प्राप्ति में सहायक होते हैं।
Damnation
अनंत अभिशाप
ईसाई इत्यादि कुछ धर्मों के अनुसार, पाप के लिये अनंतकाल तक यातना भोगते रहने का दंड।
Darapati
डाराप्टी
तृतीय आकृति का वह प्रामाणिक न्याय-वाक्य जिसका साध्य आधार-वाक्य सर्वव्यापी विधायक तथा निष्कर्ष अंशव्यापी विधायक होता हैं।
उदाहरण : सभी कवि कल्पनाशील हैं;
सभी कवि मनुष्य हैं;
∴ कुछ मनुष्य कल्पनाशील हैं।