अंतर्विवेक, सदसद्विवेक
शुभ-अशुभ, कर्तव्य-अकर्तव्य का भेद कराने वाली सहज आंतरिक शक्ति।
Conscientalism
चिदर्थवाद
एक सिद्धांत जिसके अनुसार वे वस्तुएँ जिनका हमें बोध होता है, अनिवार्यतः मानसिक या चिद्रूप होती हैं। इस मत को योगाचार (विज्ञानवाद) और बर्कले मानते हैं।
Conscientiousness
अंतर्विवेकशीलता
सावधानी के साथ और निष्ठापूर्वक अंतर्विवेक के आदेशों का पालन करने वाले व्यक्ति के चरित्र की विशेषता।
Conscious Illusion Theory
चेतन भ्रम-सिद्धांत, स्वकृत-भ्रम-सिद्धांत
वह सौन्दर्यशास्त्रीय सिद्धांत जिसमें कला-रसानुभूति में स्वेच्छा से काल्पनिक विश्वास कर लिया जाता है। ये व्यक्ति को थोड़े समय के लिए संसार की कठोर वास्तविकताओं से हटाकर कल्पना-लोक में विचरण हेतु बाध्य करते हैं तथा उसके जीवन में नवीन स्फूर्ति उत्पन्न करते हैं।
Conscious Intention
सचेतन अभिप्राय
मैकेन्ज़ी के अनुसार कर्म के पीछे व्यक्ति का वह अभिप्राय जिसका उसे बोध रहता है।
Consciousness In General
सामान्य चेतना
सामान्य चेतना का वह स्वरूप जो शुद्ध रूप से तर्कनिष्ठ, वस्तुनिष्ठ और सर्वव्यापी तथा अनिवार्यतः वैध होता है। इसका कांट ने अपने दर्शन में उल्लेख किया है।
`Consciousness Only` School
`विज्ञप्तिमात्रता` संप्रदाय
बौद्ध दर्शन का एक प्रत्ययवादी संप्रदाय जिसका अधिक प्रचलित नाम `योगाचार` या `विज्ञानवाद` है। मूल शब्द `विज्ञप्तिमात्रता` है जिसका यह अंग्रेजी अनुवाद है। चीन की धरती में इसका नाम `वेइ-शिह` हो गया था, जिसका कि प्रस्तुत शब्द अंग्रेजी अनुवाद है।
Consectarium
निगमन
सिसरो (cicero) की शब्दावली में निगमनात्मक अनुमान का निष्कर्ष।
Consensus Gentium
लोक संप्रतिपत्ति
सत्य के विषय में सत्-असत्, उचित-अनुचित एवं शुभ-अशुभ के निर्णय के संबंध में सर्वमान्य अवधारणा। जेसे रिचर्ड हूकर ने अपनी पुस्तक में नैतिक सिद्धातों को स्वयंसिद्ध, सार्वभौम एवं सर्वमान्य स्वीकार किया है। उदाहरणार्थ : संकल्प-स्वातंत्रय, ईश्वर का अस्तित्त्व एवं आत्मा की अमरता आदि के दृष्टान्त।
Consequence Logic
निगमन-तर्कशास्त्र
वह तर्कशास्त्र जिसमें मात्र संगति के आधार पर निष्कर्ष निकाले जाते हैं।