संदर्भ-निश्चयवाचक
जॉनसन के तर्कशास्त्र में, वह उपपद ('the, this' इत्यादि) जिसके आगे आने वाले शब्द का किसी विशेष संदर्भ में एक निश्चित वस्तु के लिये प्रयोग हुआ हो।
Contextualism
दृष्टिसृष्टिवाद, संदर्भवाद
1. ज्ञानमीमांसा में, एक मत जिसके अनुसार ज्ञान के विषय या वस्तु का ज्ञान के विषय या वस्तु का ज्ञान क्रिया के द्वारा निर्माण होता है; उसका बाह्य जगत् में कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता।
2. वह मत कि किसी भी कलाकृति के सम्यक मूल्यांकन के लिए उसे संपूर्ण संदर्भ में, अर्थात् जिस पृष्ठभूमि में उसकी रचना हुई है उसे पूरी तरह ध्यान में रखते हुए, देखा जाना चाहिए।
Continence
संयम
मनुष्य की अपनी दैहिक इच्छाओं को विवेक के द्वारा नियंत्रित करने की क्षमता।
Contingent Proposition
आपातिक प्रतिज्ञप्ति
वह प्रतिज्ञप्ति जो अनिवार्य न होकर संभाव्य होती है।
जैसे : प . क, प V क, एवं प כ क।
Continuant
अनुवर्ती
विभिन्न परिवर्तनों के बीच निरंतर समान रूप में विद्यमान वस्तु (डब्ल्यू. ई. जॉनसन)।
Contraction Of A Genus
जाति-संकोच, जाति-परिच्छेद
स्कॉलेस्टिक दर्शन में, एक जाति (genus) का किसी उपजाति (species) के लिए प्रयोग, जैसे : `मनुष्य` दयावान प्राणी है में `प्राणी का मनुष्य` के लिए।
Contraction Of A Species
उपजाति-संकोच, उपजाति-परिच्छेद
स्कॉलेस्टिक दर्शन में, एक उपजाति (species) का किसी व्यष्टि (individual) के लिए प्रयोग, जैसे : - `राम एक अच्छा मनुष्य है` में, `मनुष्य` का `राम` के लिए।
Contradiction
व्याघात
दो पदों या प्रतिज्ञप्तियों का ऐसा विरोध कि दोनों एक साथ सत्य और एक साथ असत्य नहीं हो सकतीं।
Contradiction In Terms
वदतोव्याघात
स्वतोव्याघाती कथन, जैसे `मेरी माता वंध्या है`।
Contradictory Negation
व्याघातक निषेध
किसी बात को व्याघातक बात कहकर ( न कि विपरीत बात कहकर) उस बात का निषेध करना। इसे `विशुद्ध निषेध` भी कहते है।