1. अन्तरस्थ असमानुपात (धर्मशास्त्र), अध्यर्हता : पुण्यानुरूप फल का प्राप्त न होना।
2. सर्वांग समता (तर्कशास्त्र) : दो या अनेक प्रतिज्ञप्तियों / अभिव्यक्तियों के मध्य प्रत्येक तत्त्व की सम्पूर्ण समता।
Conjunct
संयोजक, संयुक्तक
दो प्रकथनों को जोड़ने वाला पद जैसे : 'और', 'तथा'।
Conjunction
संयोजन
वह योगिक प्रकथन जो दो या दो से अधिक प्रतिज्ञप्तियों को जोड़कर बनता है। इन प्रतिज्ञप्तियों को दो या दो से अधिक प्रतिज्ञप्तियों में घटित किया जा सकता है। जैसे : राम पढ़ेगा और लिखेगा। इसका प्रतीक (.) है।
Conjunctive Proposition
संयोजक प्रतिज्ञप्ति
वह योगिक प्रतिज्ञप्ति जिसमें दो या दो से अधिक सरल प्रतिज्ञप्तियाँ 'और' शब्द से जुड़ी होती हैं।
Conjunctive Syllogism
संयोजी न्यायवाक्य
हैमिल्टन (Hamilton) के द्वारा सोपाधिक न्यायवाक्य (conditional syllogism) के लिए प्रयुक्त पद।
Connexity
व्यवस्थिति, क्रमबद्धता
दो या दो से अधिक पदों के बीच वह विशेष संबंध जिसमें सभी पद क्रम से एक दूसरे के पश्चात् आते हैं जैसे : क > ख > ग अथवा 4 < 3 < 2
Connotation
गुणार्थ
किसी पद का वह अर्थ जो उसके द्वारा निर्दिष्ट वस्तुओं के सामान्य एवं आवश्यक गुणों का सूचक होता है।
Connotative Definition
गुणार्थक परिभाषा
वह परिभाषा जो पद के गुणार्थ को स्पष्ट करती है।
Connotative Term
गुणार्थक पद
वह पद जो वस्तुओं की सामान्य और आवश्यक विशेषताओं का बोध कराता है और साथ ही उन वस्तुओं का निर्देश भी करता है जिनमें वे गुण होते हैं।
Connotative View
गुणार्थक मत
विधेयन संबंधी वह मत जिसके अनुसार उद्देश्य और विधेय दोनों गुणार्थ में ग्रहण किये जाते हैं।