सेलॉरेण्ट
न्याय-वाक्य की वह प्रथम आकृति जिसका साध्य-आधारवाक्य सर्वव्यापी निषेधक (E), पक्ष-आधारवाक्य सर्वव्यापी विधायक (A) तथा निष्कर्ष सर्वव्यापी निषेधक (E) होता है।
उदाहरण : कोई भी मनुष्य पूर्ण नहीं है; - E
सभी कवि मनुष्य हैं; - A
∴ कोई भी कवि पूर्ण नहीं है। - E
Celibacy
ब्रह्मचर्य
चार्वाक को छोड़कर नास्तिक, आस्तिक सभी भारतीय दर्शन में इन्द्रिय निग्रह के लिए ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक माना जाता है।
Central Event Theory
केन्द्रीय घटना सिद्धांत
सूर्य-मंडल से विश्व की शेष सौर्य-मंडल की उत्पत्ति का अनुमान करना।
Centre Theory
केन्द्र-सिद्धांत
ब्रॉड (Broad) के अनुसार, वह सिद्धांत जो मानसिक एकता को किसी एक केंद्र की क्रिया का परिणाम मानता है।
Cerebralism
मस्तिष्क चैतन्यवाद
वह जड़वादी सिद्धांत कि चेतना मस्तिष्क का एक कार्य है, अर्थात् उससे उत्पन्न है।
Ceremonialism
कर्मकांडवाद, कर्मकांडपरता
कर्मकांड के द्वारा आध्यात्मिक लक्ष्य की प्राप्ति में विश्वास, कर्मकांड में अत्यधिक निष्ठा।
Cesare
सिजारे
न्याय-वाक्य की वह द्वितीय आकृति जिसका साध्य-आधारवाक्य निषेधक (E), पक्ष-आकारवाक्य सर्वव्यापी विधायक (A) और निष्कर्ष सर्वव्यापी निषेधक (E) होता है।
उदाहरण : कोई भी गाय पक्षी नहीं है; - E
सभी कौवे पक्षी हैं; - A
∴ कोई भी कौवा गाय नहीं है। - E
Chain Argument
श्रृंखला-युक्ति
युक्तियों की एक श्रृंखला जिसमें पूर्ववर्ती युक्ति का निष्कर्ष अनुवर्ती युक्ति में एक आधारवाक्य बन जाता है।
Chain Implication
श्रृंखला-आपादन
हेतुफलात्मक प्रतिज्ञप्तियों की ऐसी श्रृंखला जिसमें पहली का फल अगली में हेतु बन जाता है और इस प्रकार अंत में एक निष्कर्ष प्राप्त हो जाता है।
जैसे : यदि क तो ख ; A כ B
यदि ख तो ग; B כ C
यदि ग तो घ; C כ D
∴ यदि क तो घ ∴ A כ D
Chance
संयोग, काकतालीय, यदृच्छा
वह अप्रत्याशित घटना जिसका पूर्ववर्ती घटनाओं से कारणात्मक संबंध ज्ञात न हो।