संन्यासवाद, वैराग्यवाद
वह मत कि शारीरिक सुख और उससे संबंधित इच्छाएँ आध्यात्मिक प्रगति में बाधक हैं, और इसलिए उनका दमन करना चाहिए अथवा, साधक की वह अवस्था जिसमें वह सुखभोग की इच्छा को छोड़कर तप का जीवन व्यतीत करता है।
Aseitas
स्वयंसत्
वह सत्ता जिसका अस्तित्व स्वयं पर आश्रित और स्वयं के लिए हो; ईश्वर के लिए प्रयुक्त एक लैटिन शब्द।
Assertion
अभिकथन
कोई प्रतिज्ञप्ति सत्य है अथवा असत्य इसके संबंध में निश्चित समर्थन देना।
Assertive Tie
अभिकथनात्मक बंध
डब्लू. ई. जॉनसन के अनुसार, विशेषण और विशेष्य का वह संबंध जो एक अभिकथित प्रतिज्ञप्ति के रूप में प्रकट होता है।
Assertorial Imperative
स्वीकारात्मक आदेश
कांट के नीतिशास्त्र में सापेक्ष नियोग का एक प्रकार जिसमें व्यावहारिक तर्कबुद्धि उन साध्यों या उदेश्यों से संबंधित आदेश प्रदान करती है जिनको प्राप्त करने की आकांक्षा प्रत्येक प्राणी स्वभावतः रखता है, जैसे सुख।
Assertoric Knowledge
प्रकृत-ज्ञान
जो अवश्यम्भावी है या प्रसंभाव्य है उसके ज्ञान के विपरीत सामान्य तथ्य मात्र का ज्ञान।
Assertoric Proposition
प्रकृत-प्रतिज्ञप्ति, अस्ति-प्रतिज्ञप्ति
निश्चयमात्र (अथवा विधि) के अनुसार प्रतिज्ञप्ति का एक प्रकार जो वस्तुस्थिति मात्र की सूचक होती है तथा जिसकी सत्यता-असत्यता का निर्धारण किया जा सकता है।
Assertum
अभिकथ्य, अभिवाच्य
अभिकथन या अभिवचन का विषय, अर्थात् वह जिसका अभिवचन करना है या किया गया है।
Associationism
साहचर्यवाद
मन की संरचना और उसके संगठन के बारे में वह सिद्धांत कि प्रत्येक मानसिक अवस्था सरल, विविक्त घटकों से बनी होती है और संपूर्ण मानसिक जीवन की इन्हीं घटकों के संयोजन और पुनर्योजन के द्वारा व्याख्या की जा सकती है।
Association Values
साहचर्य-मूल्य
अर्बन (Urban) के नैतिक सिद्धांत के अनुसार, व्यक्तित्व और व्यवहार की वे विशेषताएँ जो अन्यों से साहचर्य बढाने में सहायक होती हैं तथा इस प्रकार परोक्षतः व्यक्ति के आत्मोपलब्धि के आदर्श की साधक होती है।