logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Definitional Dictionary of International Law (English-Hindi)
A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z

ambassador
राजदूत एक राज्य द्वारा दूसरे राज्य में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रत्यायित सर्वोच्च राजनयिक अधिकारी । इसकी नियुक्ति राजाध्यक्ष द्वारा की जाती है । राजदूतों को प्रथागत अंतर्राष्ट्रीय विधि और 1961 के वियना अभिसमय के अंतर्गत अनेक विशेषाधिकार एवं उन्मुक्तियाँ प्राप्त होती है । इन्हें महामहिम कहकर संबोधित किया जाता है ।

ambassadorial function
राजदूतीय कार्य किसी देश में नियुक्त राजदूत के बहुविध कार्य होते हैं । मूर्धन्य राजनयिक होने के साथ - साथ वह राजनीतिक घटनाचक्रों का जागरूक प्रेक्षक, अपने राज्याध्यक्ष का वैयक्तिक प्रतिनिधि अपने राज्य के हितों का संरक्षक एवं सरकारी सूचना, सेवा और सहायता का स्रोत होता है । वह जिस राज्य मे भेजा जाता है उसके राज्याध्यक्ष आदि से किसी भी नीति, घटना, विवाद या विषय में सूचना और स्पष्टीकरण आदि ले- दे सकता है । वस्तुतः उसका मुख्य कार्य अपनी नियुक्ति के देश में अपने राज्य के हितों की देखभाल और रक्षा करना है, किन्तु इसके साथ ही व ह अपने राज्याध्यक्ष को तद्देशीय आवश्यक सूचना और सलाह भी देता है तथा निदेशित नीति को क्रियान्वित कराता है । इसे स्थानीय राज्य से संधि और समझौते करने का अधिकार भी होता है । राजदूतों के कार्य और विशेषाधिकार एवं उन्मुक्तियों को 1961 के वियना अभिसमय द्वरा संहिताबद्ध कर दिया गया है ।

amendment of treaty
संधि संशोधन परिवर्तनशील परिस्थितियों के अनुकूल किसी संधि में संशोधन करने की व्यवस्था, जिसका प्रावधान प्रायः संधि के मूल प्रारूप मे कर दिया जाता है । इस व्यवस्था मे संधि के प्रारूप में संशोधन करने की प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन भी किया जा सकता है । साधारणतया संधि में संशोधन के लिए सभी मूल हस्ताक्षरकर्ता राज्यों की सम्मति आवश्यक होती है जिसके लिए इनका सम्मेलन भी आयोजित किया जा सकता है । 1945 के उपरांत यह प्रवृत्ति भी दृष्टिगोचर होती है कि बहुपक्षीय संधियों में बहुसंख्याक मत यिदि किसी संशोधन के पक्ष मे है तो उसे मान लिया जाए ।

amicable settlement
सौहार्दपूर्ण समझौता दो या अधिक पक्षों के मध्य शांति एवं सौहार्दपूर्ण विधि अथवा उपायों से विवाद या मतभेद का निपटारा । ऐसे उपायों मे वार्तालाप, सत्प्रयास, मध्यस्थता, न्यायिक प्रक्रिया व विवाचन शामिल है ।

angary
युद्ध संकटाधिकार अंतर्राष्ट्रीय विधि के अंतर्गत युद्धकारी राज्य का अपने अधिकार क्षेत्र में तटस्थ राज्य के जहाजों, संपत्ति अथवा सामान को हस्तगत करने का अधिकार । इसका प्रयोग केवल उसी स्थिति में किया जा सकता है जब युद्धकारी राज्य यह अनुभव करे कि ऐसा करना उसके द्वारा किए जा रहे युद्ध के लिए आवश्यक है । युद्धकारी राज्य को युद्धोपरांत क्षतिग्रस्त संपत्ति के स्वामी को क्षतिपूर्ति करनी होती है । यदि संपत्ति नष्ट न की गई हो तो संकट समाप्त होने पर से उसके स्वामी को लौटाना होता है ।

animus belligerendi
युद्ध प्रयोजन युद्ध अवस्था की वैधिक अवधारणा में यह एक निर्णायक तत्व है कि दो राज्यों के बीच शसस्त्र संघर्ष को तभी युद्ध अवस्था कहा जा सकता है जब उनमें से कम से कम किसी एक का युद्ध करने का प्रयोजन हो । यह प्रयोजन अनेक बातों से प्रकट हो सकता है जैसे युद्ध की विधिवत् घोषणा, राजनयिक संबंध विच्छेद, समुद्र मे नाकेबंदी आदि युद्धकारी अधिकारों का प्रयोग ।

animus occupandi
आधिपत्य प्रयोजन किसी राज्य द्वारा किसी स्वामीविहीन प्रदेश पर प्रभावकारी आधिपत्य स्थापित करने की इच्छा जो उसके द्वारा किए गे किन्ही सुनिश्चित कार्यों से प्रकट होती हो , जैसे उस प्रदेश में अपने राज्य का ध्वज लगा देना या स्मारक बना देना इत्यादि । यह आधिपत्य की प्रारंभिक अवस्था है ।

annexation
समामेलन, राज्य में मिला लेना युद्ध में विजय प्राप्त कर विजेता राज्य द्वारा विजित राज्य के प्रदेश को अपने राज्य में मिला लेना । इस मिला लेने की क्रिया के लिए विजेता द्वारा स्पष्ट घोषणा की जानी चाहिए और उसमें उक्त प्रेदश को अपने राज्य में मिला लेने की उसकी इच्छा और प्रयोजन की अभिव्यक्ति होनी चाहिए । प्रायः शांति संधि द्वारा भी संबंधित प्रदेश का समामेलन किया जाता है ।

Antarctic claims
एन्टार्कटिका संबंधी दावे एन्टार्कटिका (दक्षिण ध्रुव प्रदेश) महाद्वीप संबंधी अनेक देशों ने क्षेत्रक सिद्धांत (sector principle) के आधार पर अपने राष्ट्रीय काल्पनिक दावे किए थे जो परस्पर विरोधी थे परन्तु एन्टार्कटिका संधि, 1959 के अंतर्गत इन सब राष्ट्रीय दावों को मान्यता न देते हुए यह व्यवस्था की गई है कि एन्टार्कटिका के अन्वेषण का अधिकार सब देशों को है और इस कार्य में सभी राष्ट्र सहयोग करेंगे ।

Antarctic Treaty
दक्षिण ध्रुव प्रदेशीय संधि, एन्टार्कटिका संधि सन् 1959 में संपन्न संधि जिसके अनुसार दक्षिण ध्रुव प्रदेश पर राष्ट्रीय दावों के संबंध में मौन रहते हुए यह व्यवस्था की गी कि इस प्रदेश में वैज्ञानिक अन्वेषण करने का अधिकार सब राष्ट्रों को समान रूप से होगा, परन्तु ये अन्वेषण केवल शांतिमय उद्देश्यों के लिए होने चाहिए । यह पूरा प्रदेश शास्त्रों और नाभिकीय शास्त्रों से उन्मुक्त होगा और इसमें किसी भी प्रकार के नाभिकीय विस्फोट करने की अनुमति नहीं होगी । सभी राज्य अपने - अपने अन्वेषण कार्यक्रमों से प्राप्त सूचनाओं का परस्पर आदान - प्रदान करने के लिए सहमत ह गे और हस्ताक्षरकर्त्ता राज्यों में से किसी राज्य के पर्यवेक्षक पूरे प्रदेश का निरीक्षण कर सकेंगे । इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देश हैं - अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, बेल्जियम चिली, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, नार्वे, दक्षिणी अफ्रीका, सोवियत संघ, ब्रिटेन तथा सं. रा. अमेरिका ।


logo