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Definitional Dictionary of International Law (English-Hindi)
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basis of International Law
अंतर्राष्ट्रीय विधि का आधार इससे तात्पर्य यह है कि अंतर्राष्ट्रीय विधि के बाध्यकारी होने का क्या कारण है अर्थात् अंतर्राष्ट्रीय विधि को क्यों बाध्यकारी माना जाता है ? इस प्रश्न के उत्तर स्वरूप तीन विचारधाराओं अथवा सम्प्रदायों का विकास हुआ है : 1. प्राकृतिक विधि सम्प्रदाय; 2. व्यावहारवादी सम्प्रदाय; और 3. ग्रोशसवादी सम्प्रदाय । प्राकृतिक विधि सम्प्रदाय के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय विधि में बाध्यकारिता का आधार यह है कि इस विधि के सिद्धांत और नियम प्राकृतिक विधि के ही रूपांतरण मात्र हैं और प्राकृतिक विधि ही उनका स्रोत है । अतः इनका पालन करना प्राकृतिक और स्वाभाविक है । व्यवहारवादियों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय विधि में बाध्यकारिता का आधार यह है कि यह विधि राज्यों की सहमति पर आधारित है । ग्रोशसवादियों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय विधि में बाध्यकारिता के दोनों ही आधार हैं । अंशतः यह विधि प्राकृतिक विधि और अंशतः राज्यों की सहमति का प्रतिफल है । वर्तमान काल में ग्रोशसवादी विचारधार को स्वा सर्वाधिक मान्यता प्राप्त है ।

bay
खाड़ी समुद्र का वह भाग जो किसी राज्य के तट को काटकर भीमि घुस जाता है और जिससे तट सीधा न रहकर कट - फट जाता है । 1958 के जेनेवा सम्मेलन ने खाड़ियों के लिए तीन आवश्यक लक्षण निर्धारित किए हैं :- (1) खाड़ी के दोनों तट एक ही राज्य में हों, (2) खाड़ी का जलक्षेत्र इसके दोनों सिरों को मिलाने वाली रेखा पर खींचे गए तटवर्ती गोलार्ध से अधिक हो, तथा (3) इसके दोनों सिरों की दूरी 24 मील से अधिक न हो ।

Bay of Pigs
बे ऑफ पिग्स क्यूबा गणराज्य का वह तटवर्ती स्थान जहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका से क्यूबा के प्रवासी नागरिकों की सशस्त्र टुकड़ी अमेरिका के सहयोग व प्रोत्साहन से इसलिए उतारी गई थी कि वह स्थानीय नागरिकों को फीडल कैस्ट्रो के विरुदूध व्यापक विद्रोह करने के लिए प्रेरित करें । परन्तु यह प्रयास निष्फल रहा । यह घटना संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा क्यूबा की सार्वभौमिकता के हनन का एक उदाहरण है ।

belligerency
युद्धस्थिति, युद्धकारिता अंतर्राष्ट्रीय युद्ध की स्थिति जिसमें दो या दो से अधिक राज्य संघर्षरत हों और उनका सशस्त्र संघर्ष अंतर्राष्ट्रीय विधि के अनुसार युद्ध हो । कभी - कभी गृहयुद्ध की स्थिति में भी कुछ दशाओं के पूरा करने पर विद्रोहकारियों को अन्य राज्यों द्वारा युद्धकारिता की मान्यता दी जा सकती है ।

belligerent
युद्धकारी वह राज्य जो किसी अन्य राज्य या राज्यों के साथ संघर्ष या युद्ध की स्थिति में हो । साधारणतया राज्य ही अंतर्राष्ट्रीय युद्ध मे युद्धकारी समझे जाते हैं । युद्ध होने पर उनके संबंध शांति विधि द्वारा नियमित न होकर युद्ध विधि द्वारा नियमित होने लगते हैं । परंतु गृहयुद्ध की स्थिति में कुछ दशाओं के पूरा होने पर विद्रोहकारी पक्ष को भी युद्धकारी की मान्यता दी जा सकती है ।

belligerent rights
युद्धकारी अधिकार अंतर्राष्ट्रीय विधि के अंतर्गत स्वीकृत युद्धरत राज्यों के अधिकार जिनके अनुसार वे शत्रु राज्यों के विरूद्ध सशस्त्र कार्रवाई कर सकते हैं । विशेषकर महासमुद्र में तटस्थ व्यापार और परिवहन पर अनेक प्रतिबंध लगा सकते हैं । किसी राज्य के विद्रोहियों तता क्रांतिकारियों को ये अधिकार तब तक प्राप्त नहीं होते जब तक कि उन्हें युद्धकारिता की मान्यता नहीं मिल जाती ।

benevolent neutrality
सद्भावनापूर्ण तटस्थता भूतकाल मे इस प्रकार की तटस्थता अपनाई जा सकती थी जिसके अंतर्गत एक राज्य या देश युद्धकारियों में से किसी एक पक्ष की सहायता करते हुए भी तटस्थ रह सकता था (जैसे किसी पूर्व संधि के अंतर्गत) किंतु अब ऐसी तटस्थता संभव नहीं है क्योंकि एक पक्ष को विशेषाधिकार या सुविधाएँ प्रदान कर अन्य पक्ष को उससे वंचित रखना अब निरपेक्ष तटस्थता नहीं मानी जाती ।

Berlin Blockade
बर्लिन की नाकाबंदी द्वितीय महायुद्ध के बाद बिना शर्त आत्मसमर्पण कर देने पर जर्मनी के साथ बर्लिन नगर भी दो भागों में बंट गया । एक भाग मित्र राष्ट्रों के अधीन और दूसरा सोवियत संघ के अधीन हो गाय और इस प्रकार पूर्वी जर्मनी में बर्लिन का एक भाग पश्चिमी राष्ट्रों के नियंत्रण व क्षेत्राधिकार मे रहा । परंतु बर्लिन में प्रचलित मुद्रा व इसके नियंत्रण के प्रश्न को लेकर सोवियत संघ और पश्चिमी राष्ट्रों में मतभेद हो गया । प्रतिरोध में सोवियत संघ ने 24 जून, 1948 को पश्चिमी क्षेत्र और बर्लिन के बीच रेल और सड़क यातायात अवरूद्ध कर दिया । पस्चिमी राष्ट्रों ने इसका सामना वायुयानों द्वारा आवश्यक सामग्री भोजन, औषधियाँ वस्त्र, कोयला, कच्चा माल पहुँचा कर किया । उनका तर्क था कि बर्लिन में पश्चिमी राष्ट्रों की उपस्थिति एक कानीनी अधिकार है और उन्हें वहाँ से कोई नहीं हटा सकात । समस्या को संयुक्त राष्ट्र में भी भेजा गया परंतु कोई समाधान नहीं निकला । पश्चमी राष्ट्रों ने प्रतिशोध मे जर्मनी के पूर्वी भाग की प्रतिनाकाबंदी कर दी । बर्लिन की नगर सभा में सोवियत नाकाबंदी को मानवता के विरूद्ध अपराध कहकर उसकी भर्त्सना की । अंत में जनवरी 1949 में सोवियत संघ नाकाबंदी समाप्त करने के लिए सहमत हो गया ।

Bermuda type' agreements
बरमूडा प्रकार के समझौते सं.रा. अमेरिका और ब्रिटेन के बीच 1946 में संपन्न हुए बरमूडा सम्मेलन में वायु परिवहन के बारे मे द्विपक्षीय समझौता हुआ । बाद मे इसी प्रकार के समझौते द्विपक्षीय आधार पर विभिन्न देशों के बीच हुए । इन समझौतों को अनुसार संविदाकारी पक्षों ने नामांकित एयर लाइन या लाइनों को वायुवहन की दो स्वतंत्रताएँ तो प्रदान कर ही दीं किन्तु तीसरी चौथी और पाँचवीं स्वतंत्रता कुछ शर्तों के साथ मंजूर कीं । दे. Five Freedoms तथा Two Freedoms भी ।

bilateral treaty
द्विपक्षीय संधि दो पक्षों के मध्य हुई संधि जिसके पक्षकार राज्य हो सकते हैं अवा अंतर्राट्रीय संगठन अथवा एक पक्ष राज्य और दूसरा पक्ष अंतर्राष्ट्रीय संगठन । संधि में पारस्परिक अधिकारों व कर्तव्यों का प्रावधान किया जाता है और ये संबंधित पक्षों के लिए बाध्यकारी होते हैं ।


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