logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Definitional Dictionary of International Law (English-Hindi)
A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z

concept of opposability
प्रतिबंध्यता संकल्पना, बाधनीयता संकल्पना इसका आशय यह है कि किसी राज्य के दावों को चुनौती देने या उनका विरोध करने के लिए केवल ऐसे तर्क, आधार या नियम प्रुयक्त हो सकते हैं जौ अंतर्राष्ट्रीय विधि के अनुसार उस राज्य के लिए बाध्यकारी हों । यदि उस राज्य ने उन नियमों को स्वीकार नहीं किया है तो वे उसके लिए बाध्यकारी नहीं माने जा सकते ।

conciliation
संराधन, सुलह इस शब्द का प्रयोग दो अर्थों में किया जाता है । व्यापक अर्थ में इसका अभिप्राय उन सभी प्रकार की पद्धातियों से है जिनके द्वारा किसी अंतर्राष्ट्रीय विवाद को दूसरे राज्यों अथवा निष्पक्ष जाँच नकायों अथवा परमार्शदात्री समितियों की सहायता से सौहार्दपूर्ण ढंग से तय करने का प्रयास किया जाता है । संकुंचित अर्थ में इसका अर्थ किसी अंतर्राष्ट्रीय विवाद को किसी आयोग अथवा समिति के माध्यम से तय करने की प्रक्रिया से है । यह आयोग या समिति संबंधित पक्षकारों के तर्क - वितर्को की सुनवाई और उनमें समन्वय करके समझौते के प्रस्तावों का एक विवरण तैयार करते हैं । परंतु इन प्रस्तावों को संबंधित पक्षकारों द्वारा मानना आवश्यक नहीं है । यही इसका विवाचन से मुख्य भेद है क्योंकि विवाचन के निर्णय का पक्षकारों द्वारा पालन करना अनिवार्य होता है । अनेक अंतर्राष्ट्रीय संधियों में संधि से उत्पन्न विवादों को संराधन द्वारा तय किए जाने का प्रावधान है ।

conclusion of treaty
संधि संपादन वह राजनयिक एवं विधित प्रक्रिया जिसके द्वारा दो या अधिक राज्यों के मध्य कोई संधि या समझौता संपन्न किया जाता है । सामान्यतः यह एक दीर्घकालीन प्रक्रिया है परंतु समय की दृष्टि से इसकी कोई अवधि निश्चित नही की जा सकती । प्रायः संधि का संपादन इस विषय में संबंधित राज्यों के मध्य औपचारिक या अनौपचारिक वार्ता से प्रारंभ होता है और वार्ता के सफल होने की दशा में संधि का प्रारूप तैयार करने हेतु संबंदित राज्य, अपने प्रतिनिधि नियुक्त करते हैं । इन प्रतिनिधियों द्वारा परस्पर विचार - विमर्श के उपरांत संधि का प्रारूप तैयार किया जाता है जिस पर संबंधित राज्यों के सक्षम अधिकारी हस्ताक्षर करते हैं । हस्ताक्षर के उपरांत संधि की संपुष्टी भी आवश्यक होती है । संधि के संपुष्ट होने के बाद संधि एक निर्धारित तिथि से लागू हो जाती है । संयुक्त राअषट्र के चार्टर के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय संधियों का संयुक्त राष्ट्र के सचिवालय में पंजीकरण करवाना आवश्यक होता है परंतु इसे संधि संपादन प्रक्रिया का भाग नहीं माना जा सकता । वर्तमान काल में संधि संपादन की प्रक्रिया में अनेक नवीन प्रवृत्तियों का प्रादुर्भाव ह आ है जैसे अधिमिलन या संसक्ति । इस प्रक्रिया के माध्यम से राज्य अन्य देशों द्वारा संपादित संधियों को स्वीकार करके उन्हें अपने लिए बाध्यकारी बना सकते हैं ।

concordat
धर्मसंधि होली रोमन चर्च के परम धर्मगुरू, जिन्हें पोप कहा जाता है, को परंपरा से अन्य राज्यों के साथ संधि करन का अधिकारा प्राप्त रहा है । इस प्रकार की संधियों को धर्मसंधियाँ कहा जाता है । निश्चय ही ऐसी संधियाँ धार्मिक विषयों से ही संबंधित होती है । पोप का यह अधिकार उनके अंतर्राष्ट्रीय वैधिक व्यक्तित्व का परिचायक है ।

concurrent jurisdiction
समवर्ती क्षेत्राधिकार, मवर्ती अधिकार क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय विधि के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति विदेश में अपने राज्य तथा स्थानीय राज्य दोनों के क्षेत्राधिकार में माना जाता है । लोटस के मालमे में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि महासमुद्र में दो जलपोतों की टक्कर से उत्पन्न दुर्घटना पर दोनों जलपोतों के ध्वज राज्यों का समवर्ती अधिकार क्षेत्र माना जाएगा ।

conditional contraband (=relative contraband)
सापेक्ष विनिषिद्ध वस्तुएँ वे वस्तुएँ जिनका प्रयोग युद्ध तथा शांतिकाल दोनों में समान रूप से हो सकता है अर्थात् जो सैनिकों और असैनिक नागरिकों दोनों के लिए समान रूप से उपयोगी हों जैसे खाद्य पदार्थ, ईंधन, रेल के डिब्बे आदि । इन्हें उसी दशा में विनिषिद्ध माना जा सकता है जब ये शत्रु सरकार अथवा उसके सैनिक बलों के लिए ले जाई जा रही हों । ऐसी दशा में इन्हें युद्धकारी द्वारा रोककर हस्तगत किया जा सकता है ।

conditional recognition
सप्रतिबंध मान्यता, सशर्त मान्यता कभी - कभी मान्यता देने के साथ - साथ कुछ शर्तें भी लगा दी जाती हैं । ऐसी दशा में मान्यता को सशर्त मान्यता कहा जाता ह । उदाहरणार्थ 1878 मे बर्लिन कांग्रेस ने इस शर्त पर ब ल्गारिया मान्टेनीरो, सरबिया और रूमानिया को मान्यता देने का निश्चय किया था कि ये राज्य धर्म के आधार पर अपने नागरिकों में कोई भेदभाव नहीं बरतेंगे । सामान्यतः मान्यताप्राप्त राज्य द्वारा मान्यता के लिए निर्धारित शर्त का पालन न करने से मान्यता निरस्त नहीं हो जाती क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय विधि का सामान्य नियम यह है कि एक बार मान्यता प्रदान कर दिए जाने के बाद उसे निरस्त नहीं किया जा सकता । परंतु ऐसी इकाइयों के संबंध में संभवतः यह बात लागू नहीं होती जो राज्य के रूप में अभी पूर्णतया सुस्थापित नहीं हैं और जिनकी स्थापना मे राज्यों की मान्यता एक निर्आयक तत्व है ।

condominium
सहशासित राज्य किसी राज्य प्रदेश अथवा क्षेत्र पर दो या अधिक राज्यों का संयुक्त रूप से नियंत्रण । ऐसी स्थिति अक्सर उस समय होती है जब दो या उससे अधिक राय किसी तीसरे राज्य, प्रदेश अथवा क्षेत्र पर आक्रमण करके विजयी हो जाते हैं और फिर आपस में संधि करके उस क्षेत्र अथवा प्रदेश पर अपना संयुक्त आशसन स्थापित करते हैं । इस प्रकार के क्षेत्र की जनता पर वियी देशों की संयुक्त प्रभुसत्ता होती है, किन्तु शासन करने वाले राज्यों के अधिकार क्षेत्र अक्सर पृथक होते ह और उनमें निवास करने वालों पर ही उनकी प्रभुसत्ता होती है । 1898 से 1953 तक सूडान पर मिश्र और ग्रेट ब्रिटेन का संयुक्त शासन रहा और प्रशांत महासागर के न्यू हेब्राइड्स टापू पर ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस का संयुक्त शासन है ।

confederacy
राज्य मंडल दो या अधिक राज्यों या राष्ट्रों का किसी विशेष उद्देश्य के लिए संयुक्त कार्रवाई करने के प्रयोजन से गठित तदर्थ गठबंधन जैसे, गृह युद्ध (1861 - 65) के समय अमेरिका के दक्षिणी राज्यों का परिसंघ ।

confederation
राज्यसंघ, परिसंघ स्वतंत्र राज्यों द्वारा सामान्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए गठित एक प्रकार का शिथिल संघ जिसमें सम्मिलित राज्य अपनी प्रभुता अक्षुण्ण रखते हैं किन्त साथ ही, परिसंघ को कुछ अधिकार देना स्वीकार करते हैं । प्रारंभ में संयुक्त राज्य अमेरिका एक परिसंघ ही था । वास्तव मे इस समय कोई परिसंघ अस्तित्व में नहीं है । परंतु इसके ऐतिहासिक उदाहरण ये हैं हालैंड (1580-1795), जर्मनी 1815-1866) तथा स्विटज़रलैड (1815- 1845) आदि ।


logo