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Definitional Dictionary of International Law (English-Hindi)
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colony
उपनिवेश, कालोनी वह प्रदेश जिसके आंतरिक मामलों और बाहय संबंधों पर किसी दूसरे राज्य का पूर्ण नियंत्रण होता है । उस पर अन्य राज्य का शासन होने के कारण उसका कोई अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व नही होता । युद्ध और संधि करने का अधिकार उसके स्वामी राज्य को होता है । संयुक्त राष्ट्र का चार्टर, महासभा के विभिन्न प्रस्ताव और संसार के अधिकांश राज्य उपनिवेशवाद का विरोध करते रहे हैं और इसीलिए आज विश्व में एक भी उपनिवेश शेष नहीं रह गया ।

combatant
संयोधी, सामरिक युद्ध में प्रत्यक्ष तथा सक्रिया रूप से भाग लेने वाले व्यक्ति । ये दो वर्गों में विभाजित किए जाते हैं - वैध संयोधी (lawful combatant) तथा अवैध संयोधी (unlawful combatant) । वैध संयोधियों में मुख्य रूप से राज्य की नियमित सेनाएँ तथा युद्ध के नियमों का पालन करने वाले छापामार दस्ते, स्वयंसेवक दल तथा नागरिक सेना के दस्ते शामिल होते हैं, बशर्ते (1) इनका नेतृत्व कोई सुनिश्चित सैन्य अधिकारी कर रहा हो (2) ये दूर से पहचाने जा सकने वाले विशेष चिहन धारण किए हुए हों (3) खुले रूप में शस्त्र धारण किए हो तथा (4) युद्ध के कानून और प्रथआओं के अनुसार आचारण करते हों । इस प्रकार के संयोधियों को यूद्ध में जान से मारा जा सकता है, घायल किया जा सकता है, और पकड़ कर बंदी बनाया जा सकता है । अवैध सोंधियों को अंतर्राष्ट्रीय युद्ध विधि का कोई संरक्षण प्राप्त नहीं होता और उनके साथ साधारण अपराधियों जैसा व्यवाहार किया जा सकता है । यदि नियमित सैनिक, सादा वेश में विध्वंसक कार्रवाई करते हुए पकड़े जाते हैं तो वे अवैध संयोधी ही माने जाएँगे ।

combat area
युद्ध क्षेत्र वह भौगोलिक क्षेत्र जिसमें सशस्त्र कार्रवाई हो रही है ।

comity
शिष्टाचार दे. International comity.

commercial attache
वाणिज्यिक सहचारी किसी राजदूतावास मे नियुक्त वह अधिकारी जो अपने राज्य के वाणिज्यिक होने का बोध होता है । इस ध्वज को देखकर युद्धकाल में युद्धकारी राज्यों द्वारा व्यापारी पोतों तता युद्ध पोतों में भेद किया जा सकता है ।

commercial flag
वाणिज्यिक ध्वज वह ध्वज जिससे किसी राज्य के पोत के वाणिज्यिक अथवा व्यपारिक होने का बोध होता है । इस ध्वज को देखकर युद्धकाल में युद्धकारी राज्यों द्वारा व्यापारी पोतों तथा युद्ध पोतों में भेद किया जा सकता है ।

Commission on Human Rights
मानव अधिकार आयोग, मानव अधिकार कमीशन (संयुक्त राष्ट्र) 1. सन् 1946 में संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा की आर्थिक व सामाजिक परिषद् द्वारा श्रीमती ई. रूजवेल्ट की अध्यक्षता में मानव अधिकारों के घोषणापत्र का प्रारूप तैयार करने के लिए गठित आयोग । 10 दिसंबर, 1948 को महासभा द्वारा स्वीकृत मानव अधिकार घोषणापत्र इसी आयोग के प्रयासों का परिणाम था । 2. सन् 1966 की मानव अधिकार प्रसंविदाओं के अंतर्गत स्थापित एक स्थायी आयोग, जिसका मुख्यालय जेनेवा मेंहै । यह आयोग विश्व में हुए मानवाधिकार उल्लंघनों से संबंधित मामलों की जाँच करता है और अपनी रिपोर्ट महासभा के समक्ष प्रसुत्त करता है ।

Committee on Disarmament
निरस्त्रीकरण समिति प्रारंभ में 1961 में सं. रा. महासभा ने अठारह राष्ट्रों की एक निरस्त्रीकरण समिति गठित की, बाद में 40 सदस्य देशों की एक अन्य निरस्त्रीकरण समिति गठित की गई जिसे अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण के अधीन सामान्य तथा पूर्ण निरस्त्रीकरण तथा शस्त्र नियंत्रण समझौतों के लिए बातचीत करने का अधिदेश दिया गया । 1984 के महासभा के अधिवेशन में इसका नाम बदलकर निरस्त्रीकरण सम्मेलन कर दिया गया । इस सम्मेलन द्वारा एक सं. रा. निरस्त्रीकरण आयोग की स्थापना की गई । निरस्त्रीकरण समिति द्वारा 1978 और 1982 में निरस्त्रीकरण पर विचार करने के लिए दो विशेष अधिवेशन बुलाए गए र बीसवीं शताब्दी के सातवें और आठवों दशकों को निरस्त्रीकरण दशक घोषित किया गया ।

common heritage of mankind
संपूर्ण मानवता की धरोहर यह पद समुद्र विधि मे उस नए विकास से जुड़ा हुआ है जिसे 1982 के समुद्र विधि के तीसरे अभइसमय में स्वीकार किया गया है । इसके सुनासार परंपरागत खुले समुद्र की तरह 200 नाविक मील के बाद का क्षेत्र मुक्त अंतर्राष्ट्रीय उपयोग के लिए नहीं होगा अपितु यह क्षेत्र संपूर्ण मानवता की धरोहर माना जाकर सामूहिक प्रयासों द्वारा विकसित काय जाएगा । इसे 'क्षेत्र' (Area) कहकर संबोधित किया गया । इसके विकास की जो व्यवस्थाएँ 1982 अभिसमय में है वे विकासशील राज्यों के लिए विशेष उपयोगी हैं । अमेरिका ने इस व्यवस्था से जुड़े नियमों का विरोध किया है । नवोदित और विकासशील देशों के अंतर्राष्ट्रीय विधि के आर्थिक आयामों से जुड़े नियमों की यह सबसे सशक्त अभिव्यक्ति है ।

common law
लोक विधि इंग्लैंड में प्रचलित एवं न्यायालयों दवारा मान्यताप्राप्त वह विधि जो संसद द्वारा निर्मित न होकर प्राचीन काल से चली आ रही प्रथाओं और परंपराओं का प्रतिफल है और जिसे वही स्थान प्राप्त होता है जो संसद द्वारा निर्मित विधि को । परंतु दोनों में टकराव होने की स्थिति में संसदीय विधि ही उत्कृष्ट मानी जाती है । ब्लैकस्टोन ने प्रथागत अंतर्राष्ट्रिय विधि के सिद्धांतों का पूरण समावेश इंग्लैंड की सामान्य विधि में माना है और इसलिए प्रथागत अंतर्राष्ट्रीय विधि को राष्ट्र के कानून के रूप में स्वीकार किया गया है ।


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