माल बिक्री अधिनियम में 'बिक्री' तथा 'बिक्री-करार' में अंतर किया गया है। बिक्री में माल की सुपुर्दगी (वास्तविक अथवा प्रलक्षित) शामिल होती है जबकि 'बिक्री-करार' में सुपुर्दगी भविष्य में किन्हीं शर्तों के पूरा होने पर किए जाने को व्यवस्था होती हैं।
All commodity rates
समस्त पण्य दर, समस्त जिन्स दर
ऐसी दर जो सभी प्रकार की वस्तुओं की ढुलाई पर लागू हो। सामान्यतः यह दर यान-भार माल के लिए ही होती है।
Allied products
सहबद्ध उत्पाद
किसी प्रमुख वस्तु के साथ-साथ उत्पादित अन्य संबंधित वस्तुएँ। उदाहरण के लिए, आटा मिल 'सहबद्ध उत्पाद' के रूप में मैदा और सूजी भी तैयार करते हैं।
Allocation
बँटवारा, विनिधान
प्रभाजन क्रिया; किन्ही विशेष उद्धेश्यों अथवा संगठनों के लिए राशि का प्रभाजन जैसे :-
लेखाविधि में : किसी स्वैच्छिक नियम के अनुसार लागत और ख़र्च को विभिन्न लेखाओं के बीच प्रभाजित करना।
सरकारी अथवा अन्य संस्थानों में : आर्थिक नियंत्रण-उपाय के रूप में धनराशि का प्रभाजन।
कंपनी लेखाओं के संदर्भ में : लाभ का विभिन्न मदों के बीच 'बँटवारा'।
दे . appropriation भी
All or any part
पूर्णोवा अंशोवा
प्रतिभूतियों की हामीदारी-संविदा में प्रयुक्त होने वाला एक वाक्यांश जिसके अनुसार हामीदार किसी कंपनी द्वारा निर्गमित प्रतिभूतियों के सारे अथवा एक अंश को बेचने अथवा स्वयं ले लेने के लिए सहमत हो जाता हैं।
तुल. दे. all or none
All or none
पूर्णोवा शून्योवा
प्रतिभूतियों की हामीदारी-संविदा में प्रयुक्त होने वाला एक वाक्यांश जिसके अनुसार हमीदार इस आधार पर अपने भाव देता है कि उसे सारी की सारी प्रतिभूतियाँ नियत कर दी जाएँगी।
तुल. दे. all or any part
All risk insurance
सर्वजोखिम बीमा
स्पष्टतः उल्लिखित अपवादों को छोड़कर शेष सभी जोखिमों से उत्पन्न हानि के प्रति संरक्षण प्रदान करने वाली बीमा पॉलिसी।
Alternative drawee
विकल्पी अदाकर्ता
दे. drawee in case of need
Amalgamation
समामेलन
दो या अधिक कंपनियों के परस्पर विलय की प्रक्रिया जिसके परिणामस्वरूप प्रायः एक नई कंपनी का जन्म होता है।
Amortization
परिशोधन
अ - किसी ऋण की क्रमिक चुकौती। यह सीधी लेनदारों को हो सकती है या एक निक्षेप-निधि में नियमित रूप से राशि डालते रहकर भी की जा सकती है।
आ - बढ़ौती पर ख़रीदे गये बंधपत्रों का निवल प्रतिफल (net yield) ज्ञात करने की विधि। इसमें बंधपत्र के चालू प्रतिफल (current yield) में से उसकी क्रय और परिपक्वता की तारीख़ों के बीच की अवधि के दौरान बढ़ौती की राशि के समान अंशों को कम करते चले जाते हैं।
इ - पेटेन्ट, रॉयल्टी आदि अमूर्त परिसंपत्तियों के अभिग्रहण की लागत का उसके जीवन-काल के बीच विनिधान।