सद्योदर्शन
किसी वस्तु का तात्कालिक रूप में होने वाला अंतःप्रज्ञात्मक बोध।
Aphthartodocetism
अविकार्यवाद
छठी शताब्दी के ईसाई सम्प्रदाय के अनुसार, वह मत कि दैवी प्रकृति से एक हो जाने के पश्चात् ईसा का शरीर विकाररहित हो गया था।
Apocalypticism
भविष्योद्घोषवाद
पुराकालीन यहूदी धर्म में और प्रारंभिक ईसाई काल में पनपी एक चिंतन-धारा जिसका उद्देश्य धर्म में आस्था रखने वालों को हर अन्याय और दुर्भाग्य के विरूद्ध अविचलित बनाए रखना था और उनमें यह आस्था बनाये रखना था कि शीघ्र ही स्थिति बदलेगी और पापात्माओं का विनाश होगा।
Apocrypha
कूटग्रंथ, गुह्यलेख
वे ग्रंथ या लेख जिनके लेखक संदिग्ध अथवा अज्ञात हों। इस शब्द का शुरू में उन ग्रंथों के लिए प्रयोग होता था जिनमें गुह्य ज्ञान अथवा जनता के लिए हानिकर समझा जाने वाला ज्ञान निहित होता था और इस आधार पर जो जनता से छिपाकर रखे जाते थे।
Apodeictic Knowledge
निश्चय ज्ञान
किसी भी वस्तु या विषय का अनिवार्य रूप से निश्चित ज्ञान।
Apodeictic Proposition
निश्चय प्रतिज्ञप्ति
निश्चित रूप से होने वाली बात का कथन करने वाली प्रतिज्ञप्ति।
Apodosis
फलवाक्य
किसी सोपाधिक प्रतिज्ञप्ति का उत्तर-भाग जो पूर्व-भाग पर आश्रित होता है, जैसे 'यदि क, तो ख' में तो 'ख'।
Apokatastasis (=Apocatastasis)
सर्वोद्धार, सर्वमुक्ति
ईसाई धर्म में, विशेषतः यह विश्वास कि अंत में ईश्वर सभी पापियों को अपनी शरण में ले लेता है और वे स्वर्गीय आनन्द के भागी बनते हैं।
Apologetics
मंडनविद्या
विशेषतः ईसाई धर्मशास्त्र का वह भाग जिसका कार्य विधर्मियों की आलोचना का समुचित उत्तर देना तथा अपने सिद्धांतों को तर्कों से युक्तियुक्त सिद्ध करना होता है।
Apology
मंडन, समर्थन
किसी के समर्थन में दिया गया भाषण या लिखा गया लेख।