घर के रख रखाव में बंगाली और हो समुदाय उन्नीस बीस ही होंगे।
ओम
(i) गोङ। हगाको काको सुकुतन रे हिरूम रे कुड़िहोन काको ओम कोअ। म.क.भ.4
(ii) दल। कजि ते का बुजवोः होड़ो ओमलेको रे एनङ को बुजवोः अ।
(iii) लगव। होड़ोको कजिअ-सोबेनअः रअः रानु मेनअः मेन् ते। जनव निरतन कुड़ि का बगेन रअः रानु मंडि लोओः कारे इलि एमन लोओः ओम मिसा ली रे, उदुर उड़ुङइ रेओ काए निरा, जेता लेका दालि रेओ बगेन रअः उड़ुः काएअः मेनदो बगेन रअः ओम कीरे एना रअः उल् टा होबाओः अ।" म.क.भ. 2
देना
(i) ब्याह करना। सगे भाईयों की रजामंदी के वगैर सौत में बहन ब्याही नहीं जाती है।
(ii) पीटना जो बात से नहीं समझते, वे लात से समझते हैं।
(iii) लगाना। कहते हैं-हर मर्ज की दवा होती है। यदि रोज भागने वाली जोरू को योग की दवा (प्रेम जोड़ी) खाद्य या मद्य के साथ दी जाय, तो लाख प्रताड़ित करने पर भी वह न तो पिया घर भागेगी और न तो उसे तलाक ही देगी। लेकिन उसे यदि वियोग की दवा (हाता जोड़ी) दी जाय तो इसका परिणाम उल् टा हो जायगा।
देना
(i) ब्याह करना। सगे भाईयों की रजामंदी के वगैर सौत में बहन ब्याही नहीं जाती है।
(ii) पीटना जो बात से नहीं समझते, वे लात से समझते हैं।
(iii) लगाना। कहते हैं-हर मर्ज की दवा होती है। यदि रोज भागने वाली जोरू को योग की दवा (प्रेम जोड़ी) खाद्य या मद्य के साथ दी जाय, तो लाख प्रताड़ित करने पर भी वह न तो पिया घर भागेगी और न तो उसे तलाक ही देगी। लेकिन उसे यदि वियोग की दवा (हाता जोड़ी) दी जाय तो इसका परिणाम उल् टा हो जायगा।
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ओल केआते ओम
ओल बइ केआते ओम।
मोचाते कजिअः बुगिना ओल केआते ओमेअः का बुगिना।
लिखकर देना
लिखित में देना।
बोल देना भला है, लिखकर देना बला है।
ओल पढ़व
सेंड़ा इतुन।
लिखना पढ़ना
ज्ञानार्जन करना।
ओवल कटव
ओवल मेटव।
दुबाकन ते लेल-गोद् केनिः दुबाकन गेइञ तेबअः रूड़ाई का; तिंगुअकन ते लेल गोद् केनिः तिंगुअकन गेइञ् तेबअः रूड़ाइ का, अलोकाएः ओतोइञ्। निमिन कजि केते देया सअः ते अपिसा बेएः लगतिङा, एनका रे लेल-गोद् ओवल कटवोः अ को मेनेअ। इ.मु.
गरह कटना
गरह मिटना।
जिसने बैठकर नजर लगाया, वह मेरे लौटने तक वहीं बैठा रहे, और जिसने खडे होकर नजर लगाया, वह भी वहीं खड़ा रहे, वह मेरे पीछे न आये। इतना कहकर पीछे तीन बार थूकने पर गरह कट जाता है। इ. मु.