ओमे होड़ो दो टका खटकेन को उड़ुङएअ, का कोदो गेरेद् लेकाम असि को रेओ काको ओमेअ।
तुरन्त / बोलते साथ। देनेवाला खट से रूपया निकाल कर देता है, नहीं देने वाला बार-बार तकाजा करने पर भी नहीं देता है।
जांन खिति चीजिको खनेसा लेल काते केरे ओवलोःअ को मेनेअ। इ.म.ओ.
कहते हैं-"फसल को घड़ी-घड़ी ताकते रहने पर भी नजर लग जाती है।
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ओड़अः दुवर रअः खरचा गोओः रबला, हकिम दुवर रअः खरचा गोओः इसु हंबला।
घर का खर्च उठाना आसान होता है, अदालत का खर्च उठाना बहुत कठिन होता है।
ओड़अः रअः खरचा कोड़ाको आते कुड़िको गे बेसे को चलव धड़िअः।
घर का खर्च मर्दों की तुलना में औरतें बढ़िया चलाती हैं।
होनकोअः ओड़ोः कुड़िकोअः खरचा पुरा का धड़िओःअ को मेनेअ।
कहते हैं-"बच्चों का और औरतों का खर्च पूरा करना बहुत मुश्किल होता है।"
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जोम पुराओः। नाला तुम् बल तेओ ओड़अः रअः खरचा दो सेसेना मेन् दो सरेः जोम का धड़िओःअ।
खर्च पूरा होना / रसद पूरा होना।
मेहनत मजदूरी करने पर भी घर का खर्च चलता है, मगर हाथ में पैसा बचता नहीं है।
कुलगिया रअः खींसि एंगा अपु मिसा-मिसा होनकोअः चेतन रेको उड़ुङएअ।
कभी-कभी माता-पिता दाम्पत्य जीवन का गुस्सा अपने बच्चों पर उतारते हैं।
मोद् हिसब ते खींसि बेएः गिड़िओ बुगिन गेअ। नेअ ते कमि दो का बइओः तना, जी बारि गे बगड़वोः अ।
एक हिसाब से यदि देखा जाय तो गुस्सा थूक देने में ही भलाई है। इससे कोई काम तो बनता नहीं है, केवल मन में अशांति फैलती है।
कोड़ाकोअः खींसि एनलोओः गे मोलोङ रे रकाबा।
मर्दों का गुस्सा तुरन्त माथे पर चढ़ता है।
समय सेनोः तन रे इसु कजिको खेयाल आते हड़गु कोः अ।
जब उम्र ढलने लगता है, तो बहुत सारी बातें ख्याल से उतर जाती हैं।