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Mundari Muhavara Kosh

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भाव
(i) गोनोङ पीटि रअः भाव जनव से गे का तइना। (ii) फुलइ। टका रअः भाव होड़ोको रे जां इमिनङ दो तइन गेअ।
भाव
(i) दाम। बाजार भाव हमेशा एक जैसा नहीं रहता है।
(ii) घमण्ड। रूपया पैसा का भाव थोड़ा बहुत आदमी में रहता ही है।

भाव उदुब्
(i) गोनोङ उदुब्। होड़ो पीटि रे हटि रकम रअः भाव को उदुबेअ। (ii) फुटानी उदुब्। टका रअः भाव उदुब समा गेअ। नेअ जनव ती रे मिद् गे का तइना।
भाव बताना
(i) दाम बताना। व्यापारी बाजार में अलग-अलग भाव बताते हैं। (ii) फूटानी दिखाना। रूपया पैसा का भाव दिखाना व्यर्थ है। यह हाथ में रोज एक जैसा नहीं रहता है।

भाव मरव
फुलाइन।
भाव मारना
घमण्ड करना।

भारोम गोओः
जिमा आउ।
एंगा अपु काकिन धड़ितन रे गेड़े होनकोअः भारोम कुमा को गोओः ता एनङ।
भार उठाना
जिम्मा लेना।
आर्थिक रूप से लाचार माता पिता के बच्‍चों का भार फूफा और फुफु को ही उठाना पड़ता है।

भांजी मरव
कजि बइ।
भांजी मारना
बात बनाना।

भीत हंदिड़िओः
एंगा गोजोः।
कुड़ि लेल सेनोः तन रे चुइ रअः केआते गाइ काएः रअः रूड़ा केरे भीत हंदिड़िओः अ। इ. मु. खं. सी.
भीत गिरना
मां का मरना।
कहते हैं-"कन्या देखने के लिए जाते समय रास्ते में यदि बछिया के आवाज देने पर गाय उसका उत्तर न दे तो भीत गिरता है।
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भेद नम
मुंडि नम।
मेरोम तुयु मोचा तेएः सेनोः जना चि होड़ो ती ते ? एना रअः भेद पंजि रिका लेरे एनङ नम धड़िओः अ। इ. मु. खं. एस।
भेद पाना
जानकारी पाना।
खोयी हुई बकरी सियार के मुँह में गई या आदमी के हाथ में गई, इसका भेद पाने के लिए पंजी करवाना पड़ता है।

भेद ते
जुगुतु ते।
उकिल मुंशी भेद ते कजि को रेरेगा।
भेद से
चालाकी से।
वाकील और मुंशी अपने मुवाकिल के पेट की बात को भेद से पूछते हैं।

भेद् रेएः
सेंड़ा रेएः।
सेंड़ान होड़ोको आते भेद रेएः जोमअःदो बुगिन गेअ।
भेद् लेना
रहस्या जानना।
विद्वानों से भेद् लेना भला ही समझा जाता है।


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