(i) (उच्चारणात्मक स्वनविज्ञान) शब्दोच्चारण में एक या एकाधिक स्वनों की वह इकाई जो श्वास के एक झटके से उच्चरित होती है। हिंदी के संदर्भ में हर अक्षर में शिखर के रूप में एक स्वर अवश्य होगा और उसके आगे और पीछे एक या अधिक व्यंजन हो सकते हैं। जैसे: आ (एक अक्षर), काम =क्+आ+म् (एक अक्षर) (ii) वर्णमाला का एक वर्ण। जैसे: अ, आ, ऊ, क्, न्, ह् आदि। (iii) हिंदी, बांग्ला जैसी आक्षरिक लिपि पद्धति वाली भाषाओं के लिपि चिह्न जिसमें स्वर, व्यंजन-मात्रा, अनुस्वार आदि विशेषक चिह्न जुड़े हों। हिंदी में श्र, स्त्री, बैं, क्ति आदि अक्षर हैं। 'भ्रष्ट' में दो अक्षर हैं, 'संप्राप्ति' में तीन अक्षर हैं।
syllable; letter, character; syllabic character
अक्षर पर्ची
स्त्री.
प्रशा.
टिप्पण लिखते समय लिपिक या सहायक मिसिल में नत्थी जिन चिट्ठियों आदि का हवाला देता है, उन पर लगाए जाने वाले ध्वज। इन ध्वजों पर विभिन्न अक्षर छपे या लिखे होते हैं जिनका उल्लेख टिप्पण में यथास्थान किया जाता है।
alphabetical slip
अक्षर योजन
पुं.
पत्र.
किसी समाचार, विवरण या पांडुलिपि को मुद्रण हेतु मुद्राक्षरों में संयोजित करना।
composing
अक्षर योजन कक्ष
पुं.
दे. पृष्ठ कक्ष
अक्षरश: प्रतिलिपि
स्त्री.
प्रशा.
किसी लेख, प्रलेख या विलेख आदि की यथावत् प्रतिलिपि जिसमें एक अक्षर भी न बदला गया हो।
Interal transcript
अक्षर समाम्नाय
पुं.
भाषा.
संस्कृत परंपरा के अनुसार भाषा के अक्षरों का क्रमिक समूह। टिप्पणी: आधुनिक परंपरा में इसे वर्णमाला कहा जाता है।
alphabet
अक्षरांत
पुं.
भाषा.
(स्वनविज्ञान) किसी अक्षर के उचचारण का अंतिम भाग जो या तो स्वर होगा या व्यंजन। हिंदी में 'राम' का उच्चारण व्यंजनांत है, यानी इसकी उच्चारण समाप्ति/म्/व्यंजन से होती है; जबकि 'खा' स्वरांत है।
अक्षरांत
पुं.
दे. अक्षर
अक्षरारंभ
पुं.
भाषा.
(स्वनविज्ञान) किसी अक्षर के उच्चारण का प्रारंभ। जैसे : स्वर' के उच्चारण में/स्/के उच्चारण का प्रयत्न इस अक्षर का अक्षरारंभ है।