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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

मगर को डुबकी मारना सिखाते हैं। चालाक को चालाकी क्या सिखाना?।

मघा में पानी बरसे बिना खेत नहीं भरते, और माता के परसे बिना पेट नहीं भरता।

मछली के बच्चों को तैरना कौन सिखाता है? जिसका जो स्वभाव है वह अपने आप आ जाता है।

माँ के पेट से कोई सीख कर नहीं आता।

मरघट का गया कौन लौटता है? गयी बात फिर हाथ नहीं आती।

मर्द का अच्छा खाना, और बैल को अच्छा घास चाहिए।

मरने का क्या ठीक? समय आया मर गये।

मरने को हो रही हैं, परन्तु मल्हार गाती हैं, घर में खाने को नहीं, गाना सूझता है।

मरी मेंढकी को छाले पड़ गये, कोई छोटा आदमी जब नजाकत दिखाये। मेढकी को भी जुकाम।

मर्द मूँछों वाला और बैल बड़ी पूँछ वाला अच्छा होता है।


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