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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

मरी मेंढकी को छाले पड़ गये, कोई छोटा आदमी जब नजाकत दिखाये। मेढकी को भी जुकाम।
=CONCAT(A846,B846)
मरी मेंढकी को छाले पड़ गये, कोई छोटा आदमी जब नजाकत दिखाये। मेढकी को भी जुकाम।।

मर्द मूँछों वाला और बैल बड़ी पूँछ वाला अच्छा होता है।
=CONCAT(A849,B849)
मर्द मूँछों वाला और बैल बड़ी पूँछ वाला अच्छा होता है।।

मुफ्त की चीज का क्या देखना? उसे तो चुपचाप ले लेना चाहिए।
=CONCAT(A851,B851)
मुफ्त की चीज का क्या देखना? उसे तो चुपचाप ले लेना चाहिए।।

मँगनी के बैल उनसे खूब कस कर काम ले लो।
=CONCAT(A852,B852)
मँगनी के बैल उनसे खूब कस कर काम ले लो।।

माँगी हुई वस्तु सदैव महँगी पड़ती है, अव्वल तो देने वाले के सौ नखरे सहने पड़ते हैं और फिर ऊपर से एहसान अलग।
=CONCAT(A853,B853)
माँगी हुई वस्तु सदैव महँगी पड़ती है, अव्वल तो देने वाले के सौ नखरे सहने पड़ते हैं और फिर ऊपर से एहसान अलग।।

माँगने से कोई वस्तु नहीं मिलती।
=CONCAT(A854,B854)
माँगने से कोई वस्तु नहीं मिलती।।

मक्खियाँ भगाने बैठे, और साथ खाने लगे। काम कुछ सौपा गया, करने कुछ लगे।
=CONCAT(A855,B855)
मक्खियाँ भगाने बैठे, और साथ खाने लगे। काम कुछ सौपा गया, करने कुछ लगे।।

मटकी, नील के रंग का खमीर, माँठ का माँठ बिगड़ा है, पूरा मामला ही गड़बड़ है।
=CONCAT(A856,B856)
मटकी, नील के रंग का खमीर, माँठ का माँठ बिगड़ा है, पूरा मामला ही गड़बड़ है।।

मिट्टी कहती है, मुझे छूकर तो देखो, मकान की मरम्मत का काम प्रारंभ में तो थोड़ा जान पड़ता है, परन्तु शरू करते ही बहुत बढ़ जाता है।
=CONCAT(A857,B857)
मिट्टी कहती है, मुझे छूकर तो देखो, मकान की मरम्मत का काम प्रारंभ में तो थोड़ा जान पड़ता है, परन्तु शरू करते ही बहुत बढ़ जाता है।।

मिट्टी छूने से सोना होता है, भाग्यवान के लिए कहते हैं।
=CONCAT(A858,B858)
मिट्टी छूने से सोना होता है, भाग्यवान के लिए कहते हैं।।


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