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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

पथरा सें ईंट कोंरी होत
पत्थर से ईट मुलायम होती है, दो हानिकर वस्तुओं में से जिससे कम हानि होने वाली हो, उसको ही स्वीकार कर लेना चाहिए।

पथरा सें मूँड़ मारबो
असंभव कार्य को करने का प्रयत्न करना।

पनइयन साँप मारबो
किसी संकट या दुष्ट से छुटकारा पाने के लिए अपर्याप्त साधन से काम लेना।

पराये घर कूँदे मूसरचंद
बिना बुलाये किसी के यहां जाना या किसी के काम में हस्तक्षेप करना मूर्खता है।

परदेस कलेस नरेसन कों
घर से बाहर निकलने पर राजाओं को भी कष्ट होता है।

परसन भई भवानीं, कौरन लागीं खान
भवानी प्रसन्न हुई तौ जूठे टुकड़ों से ही पेट भरने लगीं, मौज में आकर ओछे से ओछा काम भी कर डालना।

पराई आँखन देखबो
दूसरे के भरोसे काम करना।

पराई आसा, मरै उपासा
दूसरों की आशा में रह कर भूखों मरना पड़ता है।

पराई पतरी कौ बड़ौ बरा
दूसरे के हिस्से में आयी हुई वस्तु सदैव अच्छी लगती है।

पराओ मूँड़ पसेरी सो
किसी दूसरे के दुख-दर्द या पैसे की कोई परवा न करना।


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