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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

निरर्थक कार्य।

निकम्मी वस्तु दूसरे के मत्थे मढ़ना।

न तो मरता है और न चारपाई छोड़ता है, बूढ़े के लिए।

न मैर में सम्मिलित होने की, और न माहूर लगवाने की, अर्थात् किसी गिनती में नहीं।

नीच समझाने से नहीं मानता, पीटना ही उसका इलाज है।

नीला रंग, नील, बदनाम हो गये।

न किसी का एक लेना है न दो देना है, किसी से कोई प्रजोजन नहीं।

निकम्मे के लिए।


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