नई दुकान और तीन वर्ष का पुराना गुड़ माँगते हैं, जो कहाँ रखा।
नयी वस्तु दो-चार दिन में ही पुरानी पड़ जाती है, उसके पश्चात् उस पुरानी वस्तु से ही काम पड़ता है, इसलिए नयी के आगे किसी पुरानी चीज का तिरस्कार ठीक नहीं।
निर्लज्ज पर कोई बात असर नहीं करती।
नकल के लिए बुद्धि की आवश्यकता नहीं होती।
नाचने वाले के कूल्हे फरकते हैं, गुणी आदमी का गुण छिपा नहीं रहता, उसकी किसी न किसी चेष्टा से वह प्रगट हो जाता है।
नन्ना को छबीली ने मोह लिया।
न तो माँय लेने वालों में और न मँड़वा के नीचे बैठने वालों में ही।
नाबदान की प्रार्थना लेकर गये कि यह हमारा है, हमें दिलवा दिया जाय, परन्तु उल्टे घर हार कर आ गये।
नाक पर मक्खी नहीं बैठने देता, ऐसा आदमी जो किसी का एहसान लेना पसंद न करे।