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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

घर में खाने को न होने पर भी शौक करना।

घनिष्ठ मित्रता।

घर आने पर पाप लगा, भलाई करते बुराई हाथ आयी।

घर हरा-भरा बना रहे।

घर से बाहर निकलने पर राजाओं को भी कष्ट होता है।

घुमा-फिरा कर फिर वही बात।

घर की दीवाल भीतर की ओर दबी हुई और कुएँ का घेरा बाहर की ओर फैला हुआ होना चाहिए। इससे वे मजबूत रहते हैं।

घर के ही किसी आदमी का माल अपनी काबू में आ गया हो तो खर्च करते क्या लगता है।

घर में रोटी और साग खाने को हो तो क्या पूछना नित्य फाग दिवाली है।


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