खटपाटी लेकर पड़े हैं, अर्थात् रूठे हुए हैं, किसी विषय पर अप्रसन्न होकर अथवा किसी से रूठ कर घर के किसी एकान्त-स्थान में चारपाई पर चुपचाप करवट लेकर लेट जाने और बात न करने को खटपाटी लेकर पड़ना कहते हैं।
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=CONCAT(A217,B217)
खटपाटी लेकर पड़े हैं, अर्थात् रूठे हुए हैं, किसी विषय पर अप्रसन्न होकर अथवा किसी से रूठ कर घर के किसी एकान्त-स्थान में चारपाई पर चुपचाप करवट लेकर लेट जाने और बात न करने को खटपाटी लेकर पड़ना कहते हैं।।
खाकर लेट जाय, मार के भाग जाय।
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=CONCAT(A222,B222)
खाकर लेट जाय, मार के भाग जाय।।
खुशामद से ही पैदा मिलता है।
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=CONCAT(A224,B224)
खुशामद से ही पैदा मिलता है।।
खेत का मालिक तो मेंड़ पर खड़े होकर खेत की रक्षा कर रहा है, परन्तु मेंड़ पर की घास को चोरी से काट कर ले जाने वाला खेत में घुसा है और अधिक स्वच्छंदतापूर्वक चोरी कर रहा है।
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=CONCAT(A258,B258)
खेत का मालिक तो मेंड़ पर खड़े होकर खेत की रक्षा कर रहा है, परन्तु मेंड़ पर की घास को चोरी से काट कर ले जाने वाला खेत में घुसा है और अधिक स्वच्छंदतापूर्वक चोरी कर रहा है।।
खूब हैरान होना, लड़ाई या प्रतिद्वंद्विता में परास्त होना।
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=CONCAT(A448,B448)
खूब हैरान होना, लड़ाई या प्रतिद्वंद्विता में परास्त होना।।
खाज-ग्रस्त लोगों से व्यंग्य में।
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=CONCAT(A455,B455)
खाज-ग्रस्त लोगों से व्यंग्य में।।
ख्याति से कहीं हानि और कहीं लाभी होता है।
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=CONCAT(A560,B560)
ख्याति से कहीं हानि और कहीं लाभी होता है।।
खेती में तुर्त-फुर्त और व्यापार में धैर्य से काम लेने पर ही सफलता मिलती है।
खटपाटी लेकर पड़े हैं, अर्थात् रूठे हुए हैं, किसी विषय पर अप्रसन्न होकर अथवा किसी से रूठ कर घर के किसी एकान्त-स्थान में चारपाई पर चुपचाप करवट लेकर लेट जाने और बात न करने को खटपाटी लेकर पड़ना कहते हैं।