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Definitional Dictionary of Archaeology (English-Hindi)
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birch bark manuscript
भोजपत्र पांडुलिपि भोजवृक्ष के पत्तों पर हस्तलिखित पोथी। प्राचीन भारत में कागज़ के आविष्कार से पूर्व पुस्तकों को भोजपत्रों पर लिखा जाता था। उन्हें भोजपत्री पोथी भी कहा जाता है।

bird, boat and sun disc motif
पक्षी, नौका तथा सूर्य मंडल प्रतीक हालस्टाट युगीन कला में प्रयुक्त एक अलंकरण, जिसमें बिंदु और गोल रेखाकृति बनाकर पक्षी, नाव और सूर्य की आकृति बनाई जाती थी। अनुमानतः इस अलंकरण का कोई धार्मिक महत्व रहा होगा। हाल्स्टाट मध्य यूरोप की प्रसिद्ध प्रागैतिहासिक संस्कृति है। इस सभ्यता का काल ई. पू. 1500 माना जाता हैं। प्राचीन भारतीय सिक्कों तथा मुद्राओं पर भी इस प्रकार के प्रतीक अंकित मिले हैं।

bitumen
बिटुमेन, डामर (क)तुर्की के एक एस्फाल्ट का एक प्रकार जिसका प्रयोग प्राचीन काल में सीमेंट और गारे के रूप में किया जाता था। इस प्रकार के प्रयोग के उदाहरण अन्य अनेक पुरातात्विक संस्कृतियों में भी उपलब्ध हैं। (ख) मुख्यतः हाइड्रोकार्बन से संघटित गहरे भूरे से लेकर कालेरंग का एक प्राकृतिक पदार्थ जो अपेक्षतया कठोर और अवाष्पशील होता है।

Black and Red Ware
काले और लाल मृद्भांड ई. पू. द्वितीय सहस्राब्दि से पहली सहस्राब्दि तक विभिन्न सांस्कृतिक संदर्भों से प्राप्त मृद्भांड, जिसका बाहरी भाग लाल और आंतरिक भाग काले रंग का था। समझा जाता है कि इन भांडों को आँवों में उल्टे रखकर पकाया जाता था।

black figure ware
काली आकृतियुक्त मृद्भांड यूनानी मृद्भांड अलंकरण की लगभग ई. पू. 720 से प्रचलित शैली विशेष जो मुख्यतः कोरिन्थ और एथेन्स में प्रयुक्त होती थी। इन शैली के मिट्टी के बरतनों के लाल धरातल पर काले रंग से मानवों और पशु-आकृतियाँ बनाई जाती थी। यह परंपरा ई. पू. 530 तक प्रचलित थी।

Black Pottery Culture
काले मृद्भांड चीन के सेन्डोंग लोंकसांन की नवपाषाणकालीन संस्कृति जिसमें चाक निर्मित काले रंग के पतले मृद्भांड मिले हैं।

blade
फलक प्रायः समानांतरभुजी लंबा शल्क, जिसे विशेष रूप से बनाए गए क्रोड (core) से निकाला गया हो। फलक की लंबाई सामान्यतः चौड़ाई से अधिक होती है और इससे दूसरा उपकरण भी बनाया जा सकता है। उत्तर-पुरापाषाण काल के आरंभ में, फलक से बनाए गए उपकरण बहुतायत में मिले हैं। इन फलकों का वर्गीकरण अपरिष्कृत, अर्धपरिष्कृत तथा परिष्कृत तीन रूपों में किया जाता है। आकार की दृष्टि से इनके अनेक उपवर्ग किए जा सकते हैं। भारत में, प्रस्तर फलकों का सर्वोत्तम विकास ताम्रपाषाणयुगीन संस्कृतियों में हुआ। सिंधु सभ्यता में भी चर्ट पत्थर के लंबे फलक बहुत प्रचलित रहे।

bleeper
ब्लीपर चुंबकत्वमापी (मैगनेटोमीटर) के सिद्धांत पर आधारित सर्वेक्षण कार्य के लिए प्रयुक्त एक उपकरण, जिसमें दो संसूचक (elector) बोतलों का प्रयोग किया जाता है। एक बोतल धरातल के निकट और दूसरी धरातल से 1 3/4 मीटर ऊपर रखी जाती है। भूमि के अंदर की चुंबकीय संगतियों का प्रभाव ऊपर की अपेक्षा नीचे की बोतल पर अधिक होता है। सर्वेक्षण के लिए यह प्रणाली अधिक सरल और कम खर्चीली है।

block figure
रूढ़ाकृति, धनाकृति मूर्तिकला का एक प्रकार, जिसमें प्राकृतिक रूप का निरूपण, ज्यामितिक घनाकृति के गठन के रूप में किया जाता है।

block-on-block technique
स्थिर घन प्रविधि निहाई तकनीक (anvil technique) के नाम से प्रसिद्ध तकनीक जिसे स्थिर घन प्रणाली या स्थिर हथौड़ा प्रविधि भी कहा जाता है। इसमें निहाई घन अथवा हथौड़ा एक स्थान में स्थिर रखा जाता हैऔर उपकरण बनाया जानेवाला प्रस्तर, चलायमान और गतिशील रहता है और उसे स्थिर निहाई से बार-बार टकरा कर मनोवांछित आकार-प्रकार दिया जाता है। इस प्रविधि की दो रीतियाँ हैं। पहली में विखंडन के लिए प्रयुक्त प्रस्तर, यदि बहुत बड़ा हो तो उसे निहाई पर पटककर तोड़ा जाता है। दूसरी रीति में, उपकरण बनाने के लिए काम में लाए जानेवाले प्रस्तर खंड को दोनों हाथों से पकड़, घुमा-फिरा कर स्थिर निहाई से टकराकर मनोवांछित आकार-प्रकार बना दिया जाता था। देखिए : 'anvil technique'


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