अभिसारी और अपसारी लेन्सों से बना हुआ एक लेन्स-तंत्र । इसमें एक अथवा कई लेन्सों को आगे-पीछे करके फोकस दूरी को लगातार बदला जा सकता है । फोकस दूरी के बदलने पर भी f- संख्या अपरिवर्ती बनाये रखने के लिए लेन्स-तंत्र दो भागों में बंटा रहता है । एक भाग मूल प्रति बिम्ब बनाता है जिसमें f-संख्या अपरिवर्ती बनी रहती है और दूसरे भाग में फोकस परिवर्ती व्यवस्था होती है । विभिन्न फोकस दूरियों पर प्रतिबिम्ब की तीक्ष्णता बनाये रखने के लिए दो या अधिक अवयवों को आपस में बांध दिया जाता है ताकि वे दोनों ही समान दूरी तय करें ।