एकल संधि वाला एक ट्रांजिस्टर जिसमें n-प्रकार के अर्धचालक की एक छड़ के एक पार्श्व पर p प्रकार की मिश्रातु का प्रदेश होता है । विद्युत् संबंधन छड़ के दोनों सिरों और p प्रदेश से किए जाते हैं । प्रथम दो संबंधन आधार संपर्क कहलाते हैं । p प्रदेश के टर्मिनल और ऋणात्मक आधार टर्मिनल के बीच ट्रांजिस्टर का अभिलक्षणिक थाइरेट्रॉन जैसा होता है । आधार टर्मिनलों के बीच वोल्टता लगाकर या p प्रदेश पर लगी वायस वोल्टता को बदलकर इसको चालू किया जा सकता है और p प्रदेश पर वायस वोल्टता को दोबारा सेट करके इसे बंद किया जा सकता है । पहले इसे द्विआधारी डायोड और द्विआधारी संधि डायोड कहते थे ।
ultra high frequency (UHF)
परा उच्च आवृत्ति
300-3000 मेगाहर्ट्स वाले बैंड की आवृत्ति । बहुपथ संचरण की क्षमता और बाधाओं से रहित होने के कारण इन आवृत्तियों का उपयोग लघु दूरी संचार के लिए किया जाता है ।
ultrasonics
पराश्रव्य विज्ञान / पराश्रन्यिकी
ध्वानिकी की एक शाखा जिसमें श्रव्य आवृत्तियों से ऊपर लगभग 20 KHz से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों का अध्ययन किया जाता है । यद्यपि पराश्रव्य आवृत्ति की कोई सैद्धांतिक ऊपरी सीमा नहीं है परन्तु फिर भी आधुनिक उत्पादन साधनों के द्वारा इसका सीमा क्षेत्र 20 KHz से लेकर 50 MHz तक है । पराश्रव्य तरंगें निम्नलिखित जनित्रों से उत्पन्न की जाती हैं-
पराश्रव्यिकी अनुप्रयुक्त और शुद्ध विज्ञान की अनेक शाखाओं में उपयोगी सिद्ध हुई है । प्रतिध्वनि गंभीरता-मापन, विदर संसूचन, दिमागी फोड़े या गर्भ का स्थान निर्धारण पराश्रव्य तरंगों के अनेक उपयोगों में से कुछ उपयोग हैं ।
ultraviolet radiation
पराबैंगनी विकिरण
विद्युत्चुंबकीय स्पेक्ट्रम के उस भाग वाला विकिरण जो दृश्य बैंगनी प्रकाश के सिरे (लगभग 400 mm) से लेकर ऐक्स-किरण प्रदेश के सिरे (लगभग 20 mm) तक फैला होता है । प्रतिदीप्ति, फोटोग्राफीय प्रभाव और आयनन उत्पन्न करने में पराबैंगनी विकिरण का बड़ा महत्व है । 400nm से लेकर 200 nm तक का प्रदेश समीप पराबैंगनी प्रदेश कहलाता है और 20 nm से लेकर 20 nm तक का दूर पराबैंगनी प्रदेश ।
uncertainity principle
अनिश्चितता का सिद्धांत
देखें - Heisenberg`s uncertainty principle ।
uniaxial crystal
एकाक्ष क्रिस्टल
1. एक द्वि अपवर्तनी क्रिस्टल जिसमें केवल एक ही दिशा ऐसी होती है जिसमें साधारण और असाधारण किरणों का वेग समान होता है जिसके कारण इस दिशा में द्विअपवर्तन नहीं होता ।
2. किसी एक ही दिशा में विषम दैशिक क्रिस्टल ।
unit cell
एकक कोष्ठिका, मात्रक कोष्ठिका
क्रिस्टल की वह लघुत्तम कोष्ठिका जिसमें क्रिस्टल की संपूर्ण आवर्ती संरचना की पूरी सममिति निहित होती है । यह कोष्ठिका छह प्राचलों द्वारा निर्धारित होती है जिनमें से तीन तो क्रिस्टल के सिरे a, b, c होते हैं जिन्हें अक्ष के रूप में लिया जाता है और अन्य तीन अक्षीय दिशाओं के बीच के कोण α,β,γ होते हैं ।
universal gas constant
सार्वत्रिक गैस नियतांक
आदर्श गैस के दाब p, आयतन V, मोल संख्या n और ताप T में संबंध स्थापित करने वाले अवस्था-समीकरण PV = nRT का एक नियतांक । चूंकि वास्तविक गैसें उसी स्थिति में इस अवस्था समीकरण का पालन करती हैं जबकि उनका दाब शून्य की ओर प्रवृत्त होता है अतः 1 मोल वास्तविक गैस के लिए (Formula) या (Formula)
जहाँ α दाब वृद्धि का एक ताप गुणांक है । यह एक नियतांक है जिसका मान 3.6608 x 10-3K-1 है । गैसों के गतिक सिद्धांत के आधार पर R, 1 K ताप पर गैस के एक मोल में अणुओं की संपूर्ण स्थानान्तरीय ऊर्जा का दो-तिहाई भाग है । R का मान 8.31435 JK-1 mol-1 है ।
universal shunt
सार्वत्रिक शंट
आयर्टन और माथर द्वारा बनाई गई एक गैल्वेनोमापीय शंट । इसमें मध्य निष्कासन बिंदुओं की ऐसी व्यवस्था होती है कि गैल्वेनोमीटर का प्रतिरोध चाहे कुछ भी होने पर वह मुख्य धारा का 1/10, 1/100, 1/1000 आदि भाग गैल्वेनोमापी में से गुजर सकती है ।
upper atmosphere
उपरि वायुमंडल
पृथ्वी के चारों ओर गैसीय मंडल के लगभग 30 किलोमीटर की ऊँचाई से आगे वाले बाह्य परत । इसमें समतापमंडल, मध्यमंडल, थर्मोस्फ़ीयर और बहिर्मंडल सम्मिलित हैं । अतः इसमें आयन मंडल का वह भाग आ जाता है जिसका विस्तार मध्यमंडल से लेकर बहिर्मंडल के कुछ भाग तक होता है । पार्थिव वायुमंडल के इस भाग का गुब्बारों द्वारा सीधा प्रेक्षण नहीं किया जा सकता अतः कृत्रिम उपग्रह और अंतरिक्ष अन्वेषीयों द्वरा ही उपरि वायुमंडल संबंधी सूचना प्राप्त होता है ।