किसी निश्चित नियम के अनुसार बने हुए और एक-दूसरे से + तथा - चिन्हों द्वारा जुड़ें हुए पदों की परंपरा । यदि पदों की संख्या परिमित है तो श्रेणी को सांत श्रेणी कहते हैं । यदि श्रेणी में अनंत पद हैं तो उसे अनंत श्रेणी कहते हैं । अनंत श्रेणी को इस प्रकार लिखा जा सकता हैः a1+ a2 + a3 .......+ an +.........या an जहाँ an व्यापक पद अथवा n वाँ पद है ।
series resonance
श्रेणी - अनुनाद
श्रृंखलाबद्द प्रेरकत्व और संधारिता से बने विद्युत् परिपथ में उत्पन्न होने वाला एक अनुनाद जबकि प्रेरक और धारितीय प्रतिघात अनुप्रयुक्त वोल्टता की आवृत्ति पर बराबर हो जाते हैं जिससे परिपथ की प्रतिबाधा केवल एक निम्नतम शुद्ध प्रतिरोध के रूप में रह जाती है । इस समय सिग्नल-धारा अधिकतम हो जाती है और कुंडली या संधारित्र के आर-पार उत्पन्न होने वाली सिग्नल-वोल्टता दोनों के संयोजन पर लगी वोल्टता से कई गुनी हो सकती है । (देखें - Q) ।
series winding
श्रेणी संबंधन
किसी विद्युत् परिपथ के वे अवयव श्रेणी संबद्ध कहलाते हैं जिसमें उत्तरोत्तर एक ही धारा का प्रवाह होता है ।
series wound motor
श्रेणी कुंडलित मोटर
मोटर जिसमें आर्मेचर और चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करने वाली कुंडलियाँ श्रेणीबद्ध होती है । यह दिष्टधारा द्वारा चलाया जाता है । इस मोटर के मुख्य लक्षअम हैं उच्च प्रारंभिक बल - आघूर्ण और भार बढ़ने पर गित का घटना ।
servo amplifier
सर्वो प्रवर्धक
सर्वो यंत्रावली के एक अंग के रूप में काम आने वाली एक प्रवर्धक जो किसी यांत्रिक प्रवर्धक के विद्युत् निवेश टर्मिनलों को शक्ति प्रदान करता है ।
servo mechanism
सर्वो यांत्रिक विधि
पुनर्भरण प्रकार का एक नियंत्रण तंत्र जिसमें निर्गत राशि इष्टतम रूप से निवेश राशि का अनुसरण करती है । इस प्रणाली के द्वारा स्थिति, चाल, शक्तिनिर्गत आदि का इस प्रकार नियंत्रण किया जाता है कि निर्गत राशि के इष्ट मान में जरा सा भी अंतर पड़ने पर इस अंतर का निवेश पर पुनर्भरण कर दिया जाता है जिसके कारण निर्गत राशि पुनः अपने इष्टतम मान पर आ जाती है । सामान्य रूप से सर्वोयांत्रिक विधि के निम्नलिखित गुण - धर्म होते हैं -
1. शक्ति - प्रवर्धन 2. त्रुटि - सुग्राहिता 3. निवेश के द्रुत परिवर्तनों का भली - भांति अनुसरण ।
servomechanism
सर्वो यांत्रिक विधि
पुनर्भरण प्रकार का एक नियंत्रण तंत्र जिसमें निर्गत राशी इष्टतम रूप से निवेश राशि का अनुसरण करता है । इस प्रणाली के द्वारा स्थिति, चाल, शक्ति निर्गत आदिका इस प्रकार नियंत्रण किया जाता है कि निर्गत राशि के इष्ट मान में जरा - सा भी अंतर पड़ने पर इस अन्तरका निवेश पर पुनर्भरण कर दिया जाता है जिसके कारण निर्गत राशि पुनः अपने इष्टतम मान पर आ जाती है । सामान्य रूप से सर्वो यांत्रिक विधि के निम्नलिखित गुणधर्म होते हैः-
1. शक्ति प्रवर्धन
2. त्रुटि सुग्राहिता
3. निवेश के द्रुत परिवर्तनों का भाली - भांति अनुसरण ।
servosystem
देखें - servomechanism
set
समुच्चय
किसी प्रकार की वस्तुओं का परिमित या अनंत समुदाय, जैसे 1 और 10 के बीच की संख्याओं का समुदाय या किसी रेखा - खंड पर स्थित सभी बिंदुओं का समुदाय आदि ।
set theory
समुच्च्य - सिद्धांत
गणितीय तर्कशास्त्र की वह शाखा जिसमें वस्तुओं के समुदायों के स्वभाव और परस्पर संबंध का अध्ययन किया जाता है ।