रॉकेट का एक प्रकार का प्रमोचन जिसमें प्रमोचन के क्षण में ही रॉकेट के सभी प्रतिबंध तत्क्षण नहीं हट पाते हैं ।
manometer
दाबांतरमापी
गैस का दाब मापने का यंत्र । सामान्यतः यह एक की U आकृति वाली नली होती है जिसमें द्रव (पानी, तेल या पारा) भर होता है । नली की एक बाहु का संबंध उस बर्तन से होता है जिसमें स्थित गैस का दाब मापना हो । दूसरी बाहु का मुँह खुला होता है अर्थात् उसेक द्रव पर वायुमंडलीय दाब लगता है । गैस और वायुमंडल के दाबों का अंतर नली की दोनों भुजाओं में स्थित द्रव की सतहों के अंतर से मालूम किया जाता है ।
marker
चिन्ह्क
1. विमान के यंत्र-अवतरण-तंत्र में काम आने वाली एक रेडियो नौसंचालन युक्ति जो अपने ठीक ऊपर स्थित क्षेत्र को स्पष्ट दर्शाने वाला सिग्नल उत्पन्न करती है ।
2. रेडारदर्शी पर परास या दिक्मान का इलेक्ट्रॉनीय सूचक ।
marker generator
चिन्ह्क जनित्र
1. एक r.ff. जनित्र । इसका उपोग किसी कैथोड - किरम दोलित्र के पर्दा पर प्रसप्र - जनित्र द्वारा उत्पन्न चित्राम में एक याअधिक आवृत्ति - जनित्र द्वारा उत्पन्न चित्राम में एक या अधिक आवृत्ति - चिन्ह्क पिप का अंतःक्षेपण करन के लिए किया जाता है । इसके द्वारा समस्वरक परिपथों के अनुक्रिया वक्रों का समायोजन किया जाता है जैसा कि और टेलिविजन अभिग्राहकों के संरेखन के समय होता है ।
2. एक प्रकार का r.f. स्पंद जनित्र जो परिशुद्ध आयाम, आकार, अवधि और पुनरावर्तन अभिलक्षण वाले स्पंद उत्पन्न करता है । ये स्पंद रेडारदर्शी पर लक्ष्य - परास, दिगंश और उन्नतांश दर्शाने के लिए निर्देश सूचक उत्पन्न करने के काम आते हैं ।
marker pulse
चिन्ह्क स्पंद
समय-विभाजन-बहुसंकेतन प्रणाली में काम आने वाले स्पंद जिन्हें प्रेषित्र और अभिग्राही को तुल्यकालन करने के लिए नियमित अंकरालों पर संचरित किया जाता है । सिग्नल - वाहक स्पंदों से इनका भेद करने के ले उनके अभिलक्षण कुछ भिन्न कर दिए जाते हैं । जैसे प्रतिचयन (submultiple) दर के अपवर्तक (sampling) पर मॉडुलन अधिक कालावधि अथवा नियत अंतराल सहित दो या इससे अधिक स्पंदों का उपयोग ।
Markownikoff rule
मार्कोनिकॉफ नियम
इस नियम के अनुसार किसी असमित ओलिफिन और हाइड्रोजन हैलाइड के संयोजन में हैलोजन परमाणु उस कार्बन परमाणु के साथ संयुक्त होता है जिसमें कम हाइड्रोजन परमाणु होते हैं और हाइड्रोजन परमाणु उस कार्बन परमाणु के साथ संयुक्त होता है जिसमें हाइड्रोडन परमाणु होते हैं । उदाहरणार्थः CH2CH=CH2+HCl---------> CH3CHClCH3
यह नियम उन संकलन प्रक्रमों के लिए सार्थक हैं जिनका आयनी क्रियाविधि होती है । पर - ऑक्साइडों या विलीन ऑक्सीजन की उपस्थिति में यह संकलन, मुक्त - मूलक - क्रिया विधि द्वारा होता है और उत्पाद पूर्णतः इस नियम के अनुसार प्राप्त नहीं होते हैं ।
Mars
मंगल
बहिर्ग्रहों में पृथ्वी की कक्षा से निकटतम ग्रह । सूर्य से दूरी के बढ़ते हुए क्रम में इसका स्तान चौथा है । दैनिक घूर्णन की दर पृथ्वी के घूर्णन की दर के लगभग बराबर है और वार्षिक परिक्रमण में करीब दो साल लगता है । इसके दो उपग्रह हैं ।
maser
मेसर
सूक्ष्म रंग - प्रवर्धकों एवं दोलित्रों का एक वर्ग । मैसर शब्द Microwave Amplification by Stimulated Emission of Radiation का संक्षिप्त रूप है । मेसर का प्रचालन लेसर के सिद्धांत पर ही होता है जिसमें पहले किसी अनुचुंबकीय पदार्थ के अणु या परमाणुओं को एक अस्थायी उच्च ऊर्जा स्तर तक उठाया जाता है और फिर एक सूक्ष्म तरंग - निवेश - सिग्नल द्वारा किसी विशिष्ट आवृत्ति पर धिक आवृत्ति वाले विकिरण को ट्रिगर किया जाता है । इसके परिणामस्वरूप सिग्नल की ऊर्जा से कहीं अधिक ऊर्जा विकिरत होती है । मैसर का निर्माण सर्वप्रथम 1951 में हुआ । गैस मेसर, अनुनादी कोटर मेसर, ठोस अवस्था मेसर और प्रगामी तरंग मेसर आदि इसके कुछ उदाहरम हैं । अन्य प्रवर्धकों की तुलना में मेसर प्रवर्धक बहुत कम रव उत्पन्न करते हैं । मेसर से एक संकीर्ण विकिरणपुंज के रूप में एक वर्णी कलासंबद्ध और अत्यधिक ऊर्जा - घनत्व वाला विकिरण प्राप्त होता है ।
masking
गोपन, प्रच्छादन
1. किसी ध्वनि की श्रव्यता-देहली में होने वाली वृद्धि जो किसी अन्य प्रच्छादक ध्वनि की उपस्थिति के कारम होती है । ध्वनि का यह प्रच्छादन डेसिबलों में मापा जाता है ।
2. रेडार के सामरिक उपयोग में एक प्रकार का निशअचित प्रक्रम जिसके द्वारा रेडार किरणपुंज को उन क्षेत्रों से विलुप्त कर दिया जाता है जहाँ शत्रु रेडार के उन प्रेषणों को अपने नौसंचालन के काम में ले सकता है । इस कार्य के लिए इन दिशाओं में रेडार किरणपुंज को दुर्बल कर दिया जाता है ।
3. अर्धचालक पृष्ठ पर कोई आच्छद अथवा लेप जो वरणात्मक निक्षएप अथवा उत्कीर्णन के लिए प्रच्छादित प्रदेश बना देता है ।
mass
द्रव्यमान
वस्तु के जड़त्व (अर्थात् गति में परिवर्तन का विरोद करने के गुण ) का भौतिक माप । यदि किसी वस्तु पर बल p लगाने से त्वरण उत्पन्न हो तो बल और त्वरण का अनुपात p/f स वस्तु का द्रव्यमान कहलाता है । दो वस्तुओं के द्रव्यमानों का अनुपात उन त्वरणों के अनुपात के बराबर होता है जो उन दोनों पर बराबर परिमाण के बल लगाने से पैदा होत हैं । इस प्रकार किसी वस्तु का द्रव्यमान किसी मानक द्रव्यमान (जैसे मानक किलोग्राम) से तुलना करके मापा जा सकात है । द्रव्यमान की दूसरी परिभाषा गुरूत्वाकर्षण के द्वारा भी दी जाती है । गुरूत्वाकर्षण के नियम के अनुसार यदि दो वस्तुओं के द्रव्यमान m,m` हों और उनकी पारस्परिक दूरी r हो तो उनका आकर्षण बल (Formula) जहाँ G एक नियतांक है । अतः पृथ्वी के आकर्षण के कारण वस्तु का भार (Formula) जहाँ M पृथ्वी का द्रव्यमान तथा पृथ्वी की त्र्ज्या है । तथा के अपरिवर्ती होने के कारण वस्तुओं के भारों का अनुपात ही उनके द्रव्यमानों का भी अनुपात होता है । द्रव्यमान का C.G.S. मात्रक ग्राम है । सामान्यतः यह समझा जाता है कि द्रव्यमान अपरिवर्ती होता है किन्तु अब प्रमाणित हो गाया है कि गतिमान वस्तुओं का द्रव्यमान वेग की वृद्धि होने पर बढ़ जाता है । यदि mo = विरामी द्रव्यमान, v= प्रेक्षक के सापेक्ष, वस्तु का वेग, c= शून्य आकाश में प्रकाश का वेग m = वस्तु का द्रव्यमान हो तो (Formula) यदिv का मान c के मान के तुलनीय हो जाए तो का मान बहुत ही ज्यदा हो जाएगा । इसका अर्थ यह है कि द्रव्यमान ऊर्जा में और ऊर्जा द्रव्यमान में परस्पर परिवर्तनशील हैं । यदि प्राम द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित हो जाए तो प्राप्त ऊर्जा E = mc2 होगी ।