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Definitional Dictionary of Physics (English-Hindi)
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Geiger - Nuttal relation
गाइनर-नटाल संबंध
प्रसंगाधीन किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ द्वरा उत्सर्जित कण की परत और इसके क्षयांक के बीच आनुभाविक रूप से खोजा गया एक संबंध । यह संबंध निम्नलिखित है - log λ = A + B log R जिसमें चारों रेडियोऐक्टिव श्रेणीयों के लिए का समान मान है जबकि प्रत्येक श्रेणी के लिएA का मान भिन्न है । यह नियम केवल स्थूल रूप से मान्य है ।

general equation
व्यापक समीकरण
वह समीकरण जिसमें अचर राशियों को विभिन्न मान देने से समीकरण के समस्त विशिष्ट रूप प्राप्त हो जाता हैं । जैसे - ax2 + bx + c= 0 द्विघात समीकरण का व्यापक रूप है । इसमें को विभिन्न मान देने से विशिष्ट रूप प्राप्त किए जा सकते हैं ।

general solution
व्यापक हल
किसी अवकल समीकरण का वह हल जिसमें उतने स्वेच्छ अचर आते हों जितनी कोटि का अवकल समीकरण है । जैसे (Formula) इसका व्यापक हल (Formula) है । व्यापक हल पूरक फलन (complementary function)तथा विशिष्ट हल (particular solution)

generating line
जनक रेखा
वह रेखा जो अपनी गति अथवा परिक्रमा द्वारा किसी पृष्ठ को उत्पन्न करे । जैसे, यदि हम समकोण त्रिभुज को लंब के चारों ओर घुमाएँ तो, कर्ण वृत्तीय शंकु उत्पन्न करता है । उक्त कर्ण शंकु की जनक रेखा कहलाती है ।

generator
जनित्र
यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिणत करने का यंत्र जिसको डायनेमों या प्रत्यावर्तित्र (alternator) कहते हैं । डायनेमों दिष्ट धारा उत्पन्न करता है और प्रत्यवतित्र प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न करता है । जनित्र के संक्रिया की व्याख्या निम्नांकित हैः इसमें एक मृदु लोह क्रोड स्थायी चुंबक के ध्रुवों के बीच किसी इंजन के द्वारा घुमाया जाता है । इस लोह क्रोड पर खुदी हुई खाँचों (slots) पर तार की कुंडली लिपटी रहती है । यह स्पष्ट है कि आर्मेचर घूमते समय कुंडली दोनों ध्रवों के बीच फ्लक्स रेखाओं को काटती है । अतः कंडली में प्रेरण द्वारा विद्युत् वाहक बल उत्पन्न होता है जो प्रत्यावर्ती होता है । जब इस कुंडली को दो स्खलन - वलयों (slip ring) और संस्पर्शी ब्रुशों द्वारा बाह्य परिपथ के वाहकों (leads) से संयोजित किया जाता है तो यह उपकरण सरल प्रत्यावर्तित्र बन जाता है । और जब यह संयोजन स्खलन - वलयों के स्थान पर एक विभक्त - वलय (split ring) द्वारा किया जात ह तब कुंडली में धारा की दिशा उलटते समय विभक्त - वलय के खंड भी परस्पर स्थान बदल लेते हैं जिसके फल्स्वरूप बाह्य वाहकों (exterior leads) में एकदिश धारा बहती है । एक कुंजली वाले आर्मेचर में इस घारा का मान बहुत अधिक बदलता रहता है । किन्तु जब आर्मेचर पर कई कुंडलियाँ विभिन्न स्थानों पर इस प्रकार लपेटी रहती हैं कि वे चुंबक - ध्रवों के सम्मुख उत्रोत्तर पहुँचती हैं और वे परस्पर इस प्रकार संयोजित रहती हैं कि उनके वि.वा.ब. श्रेणी - बद्ध हो जाते हैं तब परिणामी धारा एक - समान बनी रहती है । अतः दिष्ट धारा जनित्र (अर्थात् डायनेमो) के आर्मेचर पर बहुत - सी कुंडलियाँ लपेटी जाती हैं । इन कुंडलियों के सिरे बहुखंडी दिक्परिवर्तक (multiple segment commutator) से जुड़े रहते हैं । प्रत्यावर्तीत्र तथा डानेमों दोनों ही में आर्मेचर को विद्युत् चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र में किसी इंडन, टरबाइन या जलधारा द्वारा वेग पूर्वक घुमाया जाता है । कई प्रत्यावर्तित्रों में आर्मेचर स्थिर रहता है और चुंबक धर्वों को घुमाया जाता है ।

generator
जनित्र
1. एक प्रकार की मशीन अथवा युक्ति जो ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदल देती है । वैद्युत जनित्र घूर्णन की यांत्रिक ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में बदलता है जैसा कि डायनेमों या प्रत्यावर्धक में होता है । इलेक्ट्रॉनिक जनित्र दिष्ट धारा शक्ति को किसी इष्ट तरंगाकार की प्रत्यावर्ती धारा शक्ति में बदलता है जैसा कि सिग्नल जनित्र अथवा प्रसर्प जनित्र मे होत है ।
2. कंप्यूटर में एक ऐसा प्रोग्राम जो कोड बनाता है ।

geocentric parallax
भूकेन्द्रीय लंबन
किसी खगोलीय पिंड के प्रेक्षण में प्रेक्षक की स्थिति को भूकेन्द्र पर मानने से उत्पन्न त्रुटि जो पृथ्वी की त्रिज्या द्वारा पिंड पर अंतरित कोण के बराबर होती है ।

geodesy
भूगणित
विज्ञान की एक शाखा जिसमें पृथ्वी के विस्तार और आकार का अध्ययन किया जाता है । इसमें त्रिभुजन, सर्वेक्षण, समुद्र तल से ऊपर तुंगतापमापन, गुरूत्व की दिशा और तीव्रता के प्रेक्षण, पृथ्वी की आकृति का निर्धारण, चुम्बकीय, ज्वारीय और कभी - कभी भूकम्प संबंधी मापन भी किए जाते हैं । इसके द्वारा मानचित्र, नौसंचालन सहाय और भू - भौतिकी सर्वेक्षण मे बहुत सहायता मिलती है । हाल ही में उपग्रह अनुवर्तन में भी इस विज्ञान का बहुत योगदान रहा है ।

geographic meridian
भूगोलीय याम्योत्तर
पृथ्वी की सतह पर स्थित किसी स्थान में से एवं पृथ्वी के ध्रुवों में से गुजरने वाला वृहत्वृत्त तथा उसका समतल । पृथ्वी का केन्द्र तथा उसका अक्ष और उस स्थान का शिरोबिंदु भी इसी समतल में स्थित होते हैं ।

geometrical optics
ज्यामितीय प्रकाशिकी
प्रकाशिकी की एक शाखा जिसमें प्रकाश के संचरण को ऋजु रेखीय मानकर प्रकाश किरमों के परावर्तन और अवतर्वन का अध्ययन किया जाता है


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