logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Definitional Dictionary of Physics (English-Hindi)
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z

Please click here to read PDF file Definitional Dictionary of Physics (English-Hindi)

eka-elements
एक-तत्व
आवर्त सारणी से अज्ञात तत्व जो क्रम में, एक ही कुल के किसी विशिषअटि तत्व के बाद आते हैं या उनके वहां होने की संभावना होती है । उदाहरण के लिए गैलियम को पहले एक - ऐलुमिनियम तथा जर्मेनियम को पहले एक - सिलिकन कहा जाता था । ये नाम मैन्डेलीफ ने दिए थे ।

eka-hafnium
एक-हैफनियम
एक नव-आविष्कृत परायूरेनियम तत्व जिसका परमाणु - क्रमांक 104 है । इसके दो ऐल्फ़ा - उत्सर्जी समस्थानिक होते हैं जिनके परमाणु - भार क्रमशः 257 तथा 259 हैं । इसका एक तीसरा समस्थानिक - 258 भी संभवतः ज्ञात है । इसका आविष्कार लार्ड रदरफर्ड ने किया था इलसिए इसे रदरफोर्डियम भी कहते ह । समस्थानिक - 257, कैलीफोर्नियम - 249 पर - 12 के नाभिकों की बमबारी द्वारा प्राप्त होता है जिसका अर्धआयु 5 सेकंड है तथा यह क्षय होकर नोबेलियम 253 में बदल जाता है । समस्थानिक - 259, कैलीफोर्नियम - 249 में - 13 के संलयन से बनाता है । इसकी अर्धआयु 3 सेकंड है तथा इसके क्षय होने से नोबेलियम - 255 बनात है ।
इलेक्ट्रॉन-संरचनाः 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f14 5s2 5p6 5d10 5f14 6s2 6p6 6d2 7s2

eka-manganese (technetium)
एक-मैगनीज (टेकनीशियम)
सातवें वर्ग का संक्रमण तत्व । परमाणु भार 99, परमाणु क्रमांक 43, प्रतीक Tc। यह तत्व प्रकृति में नहीं पाया जाता है । इसके सभी समस्थआनिक रेडियोऐक्टिव हैं । धात्विक टैकनीशियम को टैकनीशियम सल्फाइड और अमोनियम टैकनेटेट के हाइड्रोजन द्वारा अपचयन से प्राप्त किया जाता है । यह चाँदी जैसा धात्विक तत्व है जो षट्कोणीय घन - संकुलित संरचना में क्रिस्टलित ह ता है । यह नमी की उपस्थिति में धीरे - धीरे बदरंग हो जाता है । यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में अविलेय तथा नाइट्रिक अम्ल में विलये हैं और 5000 पर ऑक्सीजन में जलता है । इसके सबसे स्थायी समस्थानिक - 99 की अर्धआयु 2.1 x105 वर्ष है । टैकनीशियम यौगिक संक्षारण - रोधी होते हैं ।
इलेक्ट्रॉन-संरचनाः 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 5s1

eka-osmium
एक-ऑस्मियम
एक तत्व, प्रतीक Eo, परमाणु-क्रमांक 94 । इसे 1936 में ऐन्रिको फर्मी ने यूरेनियम पर न्यूट्रॉनों की बमबारी से प्राप्त किया और इसका नाम ऐस्पोरियम रखा । अर्धआयु 90 मिनट ।

eka-rhenium
एक-रीनिअम
एक तत्व, प्रतीक परमाणु-क्रमांक 93 । इसे 1936 में ऐन्रिको फर्मी ने यूरेनियम पर न्यूट्रॉनों की बमबारी से प्राप्त किया । अर्धआयु 13 मिनट ।

eka-silicon (germanium)
एक-सिलिकन (जर्मेनियम)
चौथे वर्ग का धूसर का भंगुर धात्विक तत्व, परमाणु - क्रमांक 32, परमाणु - भार 72.59, प्रतीक Ge। इसकी भविष्यवाणी मैन्डेलीफ ने की थी और इसका नाम एक - सिलिकन रखा था । यह प्रकृति में सल्फाइड के रूप में पाया जाता है तथा इसका मुख्य अयस्क जर्मेनाइट है । धातु बनाने के लिए इसके क्लोराइड को हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ आसवित कर पृथक किया जाता है जिसे जल के साथ अपघटित करने से प्राप्त ऑक्साइड को हाइड्रोजन की धारा में 6000 ताप पर अपचित कर धातु प्राप्त की जाती है । घनत्व 5.36, गलनांक 9580, क्वाथनांक 27000 । यह सामान्य ताप पर हवा में स्थायी रहता है किन्तु कल्का गर्म करने पर इसका पृष्ठ ऑक्सीकृत हो जाता है । इपने यौगिकों में यह 2 और 4 की संयोजका प्रदर्शित करता है । यह अर्धचालक है और ट्रांजिस्टरों में प्रयुक्त होता है । इसके मिश्रातुओं (जो ठंडा होने पर कुछ फैलते हैं ) का उपयोग परिशुद्ध - संचयन में होता है ।
इलेक्ट्रॉन-संरचनाः 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p2

eka-tantalum
एक-टैन्टलम
एक तत्व, प्रतीक परमाणु-क्रमांक 91 । इसके समस्थानिक प्रोटेकिटिनियम (Pa) की अर्धआयु 32,000 वर्ष यूरेनियम Z(UZ) की अर्धआयु 9.7 घंटे ब्रेवियम (Bv) की अर्धआयु 1.65 मिनट है ।

elastic collision
प्रत्यास्थ संघट्टन, प्रत्यास्थ टककर
एक ऐसा संघट्टन जिसमें टकराने वाले तंत्रों की आंतरिक ऊर्जा अथवा उनकी स्थानांतरण ऊर्जा के योगफल में कोई अन्तर नहीं आता । नाभिकीय भौतीकी में इस संघट्टन के कारण आपाती कण टकराये हुए नाभिक को उत्तेजित अथवा भंग किया बिना ही प्रकीर्णित हो जाता है ।

elastic fatigue
प्रत्यास्थ श्रांति
प्रत्यास्थ वस्तु की वह अवस्था जिसमें विकृति उत्पन्न करने वाले बलों को हटा लेने पर भी वह अपनी पूर्व आकृति तथा विस्तार को तुरन्त प्राप्त नहीं कर सकता । यह अवस्था वस्तु को बार - बार विकृत करने से उत्पन्न होती है ।

elastic impact
प्रत्यास्थ टक्कर (= प्रत्यास्थ संघट्ट)
दो पिंडों के बीच ऐसी टक्कर जिसके कारण पिंडों में विकृति उत्पन्न तो होती है किन्तु तुरन्त ही पिंड अपने पूर्व आयतन तथा आकृति को प्राप्त कर लेते हैं । इसमें अपत्यावस्थान गुणांक (coeffieient of restitution)= 1 होता है तथा दोनों पिंडों की गतिक ऊर्जा का योग संघट्ट से पहले तथा बाद में बराबर होता है ।


logo