रोगी कोशिका जो दुर्दम अर्बुद के रूप में कोशिकाओं के अपसामान्य, असमान प्रचुरोद्भवन के कारण बनती है उदा. कार्सिनोमा या सार्कोमा । कैंसर कोशिकाएँ शरीर के अन्य अंगों में पहुंचकर द्वितीयक अर्बुद बनाती हैं ।
Capacitation
क्षमतायन
ऐसा प्रक्रम जिसके द्वारा एक स्तनी शुक्राणु उसी जाति के अंडाणु को निषएचित कनरे में सक्षम होता है । इससे दोनों युग्मकों की प्लैज़्मा झिल्ली में अनिवार्य परिवर्तन होता है । यह परितर्वन मादा जनन - पथ में प्रेरित स्रावों के कारण होता है । इस प्रक्रिया को पात्रे भी किया जाता है ।
Capping
आच्छादन
कोशिका सतह के किसी स्थल पर विशिष्ट प्रोटीन समूह का पुंजन जिसके लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है । यह प्रक्रिया कोशिका - झिल्ली घटकों के समूहन के बाद होती है; उदा. बहुसंयोजी आबंधों की क्रिया ।
Capsid
कैप्सिड
विषाणु कण का बाह्य प्रोटीन आवरण ।
Capsomere
पेटिकांश
विषाणु कवच को बनाने वाली प्रोटीन इकाई ।
Carbohydrate
कार्बोहाइड्रेट
कार्बन, हाइड्रोजन और आँक्सीजन अणुओं से बना कार्बनिक यौगिक जिसका मूलानुपाती सूत्र (CH2O)n है और जो ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है । इसके अपचय से कार्बन - डाइ - आँक्साइड, जल तथा ऊर्जा प्राप्त होते हैं । रासायनिक दृष्टि से यह एल्डिहाइडों अथवा कीटोनों का पाँलिहाइड्राँक्सी - व्युत्पन्न यौगिक है ।
Carboxypeptidases
दो अग्न्याशयी प्रकिण्व (ए. और बी.) जिनके द्वारा प्रोटीन श्रृंखाओं का जल अपघटन होता है । यह क्रिया श्रृंखला के कार्बोक्सिल सिरे पर उशरू होती है और इससे श्रृंखला के रचक ऐमीनो अम्ल एक - एक करके निकलते हैं ।
Carcinoma
कार्सीनोमा, उपकलार्बुद
व्यापक अनियंत्रित कोशिका गुणन से उत्पन्न एक रोग ।
Cardiolipin
कार्डियोलिपिन
प्लैज्मा झिल्ली में विद्यमान एक फॉस्फोलिपिड जिसका संरचना - सूत्र डाइफॉस्फेटाइडिल ग्लिसरॉल की भाँति होता है ।
Carrier
वाहक
1. ऐसा विषमयुग्मज जिसमें एक जीन अप्रभावी तथा दूसरा प्रभावी होता है जिसके कारण
2. किसी तत्व का स्थायी अरेडियोसक्रिय समस्थानिक जिसे रासायनिक संक्रियाओं में उस तत्व की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उसके कम मात्रा वाले रेडियोसक्रिय समस्थानिक के साथा मिलाय जाता है ।
3. प्रतिरक्षाजनी अणु जिसके साथ कोई हेप्टेन युग्मित किया जाए ।
4. किसी प्रतिदीप्त प्रोटीन निर्मिति का आयतन बढ़ाने हेतु प्रयुक्त प्रतिदीप्त अणु ।
5. व्यष्टि जिसमें रोगाणु विशेष आश्रय ग्रहण करे किंतु रोग के नैदानिक लक्षण न प्रकट हों ।