1. एक प्रक्रिया जिसमें प्रेक्षक देखी गई किसी वस्तु का निर्धारण उसके गुणधर्म मात्र से न कर अपने निर्देश के आधार पर करे। उदाहरणार्थ, किसी वस्तु के आकार का निर्धारण जैसा हम उसे देखते है उसके आधार पर न करके जैसा उसे समझा गया है उसके आधार पर करना। 2. ऐसे मानक जिनके संदर्भ में कोई निर्णय लिया जाय।
Anchoring and adjustment
स्थिरण एवं समायोजन
एक संज्ञानात्मक लघुपथ जिसमें अनुमान, आरंभिक मानक या मनोबंधों से बद्ध होते हैं।
Anchoring of ego
अहं-लांगलन
अनेक व्यक्तियों के संपर्क में आने से या उनसे संबंध रख कर ही अपने को सुरक्षित और संतुष्ट अनुभव करने की एक मन: प्रक्रिया; परिचित वस्तुओं या मित्रों और संबंधियों के बीच ही अपने को स्वस्थ्य एवं सुरक्षित समझने की प्रवृत्ति।
Androgen
पुंजर्न, एंड्रोजन
वृषण ग्रंथियों के स्राव से भिन्न माना जाने वाला एक अंत:स्रावी द्रव्य जिसका स्राव होता तो स्त्री और पुरुष दोनों में ही है किंतु पुरुषों में बहुत ज्यादा होता है जिसका प्रभाव या तो शरीर रचना या व्यवहार की दृष्टि से पुरुषोचित विकास पर पड़ता है।
Andromania
नारीकामोन्माद
स्त्रिययों में कामेच्छा की विकृत प्रबलता।
Anecdotal method
उपाख्यान प्रणाली
व्यवहार, विशेषत: पशुओं एवं छोटे बालकों के व्यवहार की किसी विशिष्ट एवं उल्लेखनीय बात के छुट-पुट विवरणों के आधार पर मूल्यांकन करने की अध्ययन-प्रणाली।
Anesthesia
असंवेदिता
संवेदनशीलता का पूर्ण या आंशिक अभाव या नाश, विशेषत: स्पर्श संवेदन किंतु सामान्यत: सभी प्रकार के इंद्रियानुभवों से संबद्ध संवेदनों का अनुभव न कर पाना।
Anger
क्रोध
किसी विचार, इच्छा, आदर्श या कार्य में बाधा पहुंचने, धमकाए जाने या चोट लगनें से सांवेगिक प्रतिक्रिया तंत्र में तीव्र प्रतिक्रियाएं होती है और सामान्यत: दूसरे पर आक्रमण करने या उसे हानि पहुंचाने की प्रकट या छिपी प्रतीकात्मक चेष्टाएं की जाती हैं।
Angiotensin II
एन्जियोटेन्सिन II
ऐसा पदार्थ जो रक्त में प्रवाहित होता है और पिपासा उत्पन्न करता है।
Angular gyrus
कोणीय कर्णक
मस्तिष्क के पार्श्विक पश्चकपाल और शंखास्थि भाग की ओर का क्षेत्र, जिसकी पठन क्रिया में भूमिका होती है।