एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के औसत मूल्य में वृद्धि। किसी समष्टि में चुने गए मात्रात्मक लक्षण का मापन करते हुए आमतौर पर यह वरण अवकल का अंश होता है ।
Selective plating
वरण पट्टन
पुनर्योगजों के वरणात्मक पृथक्करण की एक विधि जिसमें निर्धारित माध्यम में भिन्न विपोषी उत्परिवर्तियों का प्लेटन किया जाता है । इस परिस्थिति में केवल वे ही पुनर्योगज गुणनक्षम होते हैं जिनमें प्रत्येक उत्परिवर्ती का प्रसामान्य विकल्पी आया हो ।
Selective variant
वरणात्मक परिवर्त
सूक्ष्मजीव आनुवंशिकी में ऐसा उत्परिवर्तन जिससे जीव ऐसी स्थितियों में जीवित रह सकता है जिसमें उत्परिवर्तन रहित जीव नष्ट हो जाते है । इसके उदाहरण ऐसे उत्परिवर्तन हैं जिनसे जीवाणुरोधी कारकों के प्रति प्रतिरोध उत्पन्न हो जाता है या किसी माध्यम में अनुपस्थित आवश्यक उपापचयजों के स्रवण की क्षमता उत्पन्न हो जाती है ।
Self sterility
स्व-बंध्यता
कुछ उभयलिंगी जीवों में स्व - निषेचन द्वारा जीवनक्षम सन्तति उत्पन्न करने की अक्षमता ।
Self sterililty gene
स्व - बंध्यता जीन
एकलिंगाश्रयी पौधों में अंतःप्रजनन के हानिकारक प्रभावों को रोकने वाले जीन । ऐसा जीनों द्वार वर्तिका (स्टाइल) में पराग नली की वृद्धि की दर पर नियंत्रण करने से होता है ।
Self sterility genes
स्वबंध्यता जीन
वे जीन जिनके एक साथ आ जाने से जीव में बंध्यता आ जाती है ।
Semi dominance
अर्धप्रभाविता
जीन के लिए विषमयुग्मकी व्यष्टियों में मध्यवर्ती दृश्यप्ररूप (फीनोटाइप) का उत्पन्न होना ।
Semi sterility
अर्ध बंध्यता
स्थिति जिसमें आधे या उससे अधिक युग्मज ही जीवन -सक्षम होते हैं (जैसे पारक्रमण विषमयुग्मकों के संकरण से) ।
Semi - lethal mutation
अर्ध घातक उत्परिवर्तन
उत्परिवर्तन जिसके प्रभाव से उत्परिवर्ती जीनप्ररूप वाले व्यष्टियों में से आधे से अधिक की मृत्यु हो जीत है किन्तु कुछ बच जाते हैं अर्थात् सभी व्यष्टियों की मत्यु नहीं होती ।
Semiconservative replication
अर्धसंरक्षी प्रतिकृतियन
वह विधि जिससे डी.एन.ए. की पुनरावृत्ति होती है । प्रत्येक रज्जुक डी.एन.ए. के नए द्विरज्जुक के लिए टेम्पलेट का कार्य करता है ।