घटना-संवृति
सामान्यतः कोई भी दृश्य वस्तु, तथ्य या घटना जिसका वर्णन या व्याख्या विज्ञान के लिए महत्त्वपूर्ण हो। विशेषतः कांट में, वस्तु का वह रूप जो हमें प्रतीत होता है और आत्मा की विभिन्न शक्तियों से प्रभावित होता है। इसके विपरीत, वस्तु का निजरूप (noumenon) हमारे लिए सदैव अज्ञेय बना रहता है।
Philosophical Analysis
दार्शनिक विश्लेषण
दर्शन का एक समकालीन संप्रदाय जिसके अनुसार दर्शन का एक मुख्य या एकमात्र कार्य विज्ञान के तथा सामान्य-बुद्धिमूलक संप्रत्ययों का तार्किक विश्लेषण करना है। जी.ई. मूर (Moore), बट्रेंड रसल (Russell), विटगेन्स्टाइन (Wittgenstein), ए. जे. एअर (Ayer) इत्यादि कुछ प्रमुख दार्शनिक हैं जिन्होंने विचारों में बहुत वैषम्य होने के बावजूद विश्लेषण को दार्शनिक प्रणाली के रूप में अपनाया है।
Philosophical Behaviourism
दार्शनिक व्यवहारवाद
मनोवैज्ञानिक तथ्यों को मानव-व्यवहार की कोटियों में अनूदित करने का प्रयास करता है। इसके विपरीत दार्शनिक व्यवहारवाद दार्शनिक संप्रत्ययों एवं दार्शनिक युक्तियों की प्रामाणिकता उनके द्वारा उत्पन्न व्यावहारिक उपयोगिता पर आधारित करता है। जिस से प्रत्यय अथवा युक्ति में जितनी अधिक व्यावहारिक उपयोगिता होगी वह उतना ही अधिक वैध अथवा प्रामाणिक समझा जायेगा। 'चार्ल्स पर्स', 'विलियम जेम्स', 'जान ड्यूई' एवं 'एफ. सी.एस. शिलर इस संप्रदाय के प्रतिनिधि दार्शनिक हैं।
Philosophical Intuitionism
दार्शनिक अंतःप्रज्ञावाद
नीतिशास्त्र में अंतःप्रज्ञावाद का एक प्रकार जिसके अनुसार हमें किसी कर्म के सत्-असत् अथवा शुभ-अशुभ का अंतःप्रज्ञा द्वारा तात्कालिक ज्ञान प्राप्त होता है। उक्त ज्ञान का संबंध कुछ ऐसे सार्वभौम नैतिक नियमों से होता है, जिनके भीतर शाश्वत प्रामाणिकता पाई जाती है।
Philosophical Method
दार्शनिक विधि
दार्शनिक समस्याओं के समाधन के लिये स्वीकृत विधि। जैसे : सुकरात की धात्री विधि, संवाद विधि (प्लेटो), संदेह विधि (देकार्त) तार्किक विधि (रसल) इत्यादि।
Philosophical Psychology
दार्शनिक मनोविज्ञान
'मन्', 'चेतना', 'आत्मा' इत्यादि से संबंधित तात्त्विक प्रश्नों का विवेचन करने वाला शास्त्र। उदाहरण के लिए आत्मा या मन का तात्त्विक स्वरूप क्या है? मन् और शरीर के बीच क्या संबंध है? क्या आत्मा के भीतर 'संकल्प-स्वातंत्रय' विद्यमान है अथवा आत्मा कर्म करने में बिल्कुल परंतत्र है।
Philosophy
दर्शनशास्त्र
व्युत्पत्ति के अनुसार 'फिलॉसफी' शब्द दो शब्दों का योग है। फिल (phil) सोफिया (sophia)। 'सोफिया' का अर्थ है विद्या अथवा ज्ञान जबकि 'फाइलो' का अर्थ है अनुराग अथवा प्रेम। इस दृष्टि से 'फिलॉसफी' का अर्थ हुआ- 'ज्ञान के प्रति अनुराग'। साधारण और वैज्ञानिक संप्रत्ययों का विश्लेषण और संपरीक्षण करनेवाला तथा विशेष विज्ञानों की पूर्व-मान्यताओं की जाँच करके उनके परिणामों का समन्वय करनेवाला और विज्ञानों के क्षेत्रोें में न आनेवाले जगत्, समाज और व्यक्ति से संबंधित गहन प्रश्नों का विवेचन करनेवाला शास्त्र, जिसके अंदर तत्त्वमीमांसा, ज्ञानमीमांसा, नीतिशास्त्र, सत्ताशास्त्र, तर्कशास्त्र, मूल्यमीमांसा, भाषा-दर्शन इत्यादि का समावेश होता है।
Philosophy Of Beauty
सौंदर्य मीमांसा
सौंदर्य एवं सौंदर्य शास्त्रीय प्रत्ययों का दार्शनिक विवेचन, यथा : सौंदर्य का स्वरूप, उसके मापदंड, सौन्दर्यपरक मूल्य, रस-निष्पादन के सिद्धांत आदि। संगीत, नाटक, साहित्य एवं शिल्प-विद्या, ललित कलाएँ आदि भी इसके अंतर्गत हैं।
Philosophy Of Education
शिक्षा-दर्शन
शिक्षा का स्वरूप, उसका उद्देश्य, समाज से उसका संबंध इत्यादि तात्त्विक प्रश्नों का विवेचन करनेवाला शास्त्र।
Philosophy Of History
इतिहास-दर्शन
इतिहासकार के कार्य का तर्कशास्त्र और ज्ञानमीमांसा की दृष्टि से विवेचन करनेवाला शास्त्र।