शरीरक्रियात्मक अहंमात्रवाद
वह विचार कि प्रत्येक व्यक्ति को केवल अपने शरीर के अंदर होने वाली घटनाओं का ही ज्ञान हो सकता है।
Place Marker
स्थान-चिह्नक
प्रतीकात्मक तर्कशास्त्र में, प्रतीक ''.......'' या `X` जिसका प्रयोग किसी प्रतिज्ञप्तिफलन [ यथा, (X) MX)] में उस स्थान को बताने के लिए किया जाता है जो किसी व्यष्टिचर या व्यष्टि के नाम के लिए निर्धारित होता है।
Platonic Idealism
प्लेटोनिक विज्ञानवाद
प्लेटो का दर्शन, जिसमें निरंतर परिवर्तनशील ऐंद्रिय जगत् की वस्तुओं को नहीं बल्कि अभौतिक विज्ञानों को वास्तविक माना गया है। तदनुसार इन्हीं शाश्वत विज्ञानों के अनुकरण के आधार पर दृश्य-जगत् को आंशिक वास्तविकता प्राप्त होती है।
Platonic Realism
प्लेटॉनिक यथार्थवाद
प्लेटो का वह मत कि अतींद्रिय जगत् में अस्तित्व रखने वाले 'विज्ञान' ही वास्तविक हैं; दृश्य जगत् की वस्तुएँ (विशेष) पूर्णतः वास्तविक नहीं हैं बल्कि उतनी ही मात्र में वास्तविक हैं जितनी मात्र में वे 'विज्ञानों' का अनुकरण करती हैं।
Plenum
प्लैनम, पूर्ण
दिक् जो जड़ पदार्थ से भरा हुआ है। स्टोइको (Stoics) की सृष्टि मीमांसा में प्रयुक्त।
Plotinism
प्लोटिनसवाद
प्लोटिनस (205-270) नामक दार्शनिक का सिद्धांत जो कि प्लेटो के दर्शन और पौरस्त्य धारणाओं का संकलित रूप है। प्लोटिनस ने संपूर्ण सत्ता का शाश्वत स्रोत 'एक' को माना है और उससे क्रमिक रूप से निर्गत वस्तुओं में सर्वप्रथम बुद्धितत्त्व (नाउस) को द्वितीय आत्मा को और तृतीय पुद्गल को बताया है, तथा ईश्वर के साथ तादात्म्य को परम पुरूषार्थ माना है।
Pluralism
बहुतत्त्ववाद
तत्त्व-विज्ञान का वह सिद्धांत जो दो या दो से अधिक मूल तत्त्वों के अस्तित्व को स्वीकार करता है। भौतिक जगत् की चार अथवा पाँच महाभूतों से उत्पत्ति माननेवाले, प्राचीन मतों से लेकर असंख्य चिदणुओं के अस्तित्व को मानने वाले लाइब्नित्ज़ के मत को इसके भीतर समाहित किया जा सकता है। भारतीय दर्शन में जैन न्याय-वैशेषिक-परमाणुवाद बहुतत्त्ववाद का प्रतिनिधित्व करता है।
Plures Interrogationis
बहु प्रश्न दोष
देखिए `fallacy of many questions`।
Political Personalism
राजनीतिक व्यक्तिवाद
वह सिद्धांत जो किसी सामाजिक व्यवस्था के अंदर व्यक्तित्व के विकास को सर्वोच्च महत्त्व प्रदान करता है और इसी कारण प्रत्येक नागरिक को शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक विकास का अवसर प्रदान करना राज्य का परम कर्त्तव्य समझता है। पाश्चात्य-दर्शन में 'प्लेटो', 'एरिस्टॉटल' एवं 'ग्रीन' इसके प्रतिनिधि दार्शनिक हैं।
Political Philosophy
राजनीति-दर्शन
दर्शन की वह शाखा जो राजनीतिक जीवन क्रम, विशेषतः राज्य के स्वरूप, उत्पत्ति और मूल्य का विवेचन करती है।