ऐनोडीकरण
ऐनोडी ऑक्सीकरण द्वारा जब ऐलुमिनियम या उसके मिश्रातुओं पर ऐलुमिनियम की संक्षारणारोधी परत चढ़ाई जाती है तो यह प्रक्रम ऐनोडीकरण कहलाता है। कुछ ऐनिलीन रंजकों का प्रयोग करके पृष्ठ पर विभिन्न रंग उत्पन्न किए जा सकते हैं।
Anthracite coal
ऐन्थ्रासाइट कोयला
Antiferromagnetism
प्रतिलोह चुंबकत्व
देखिए-- Magnetism के अंतर्गत
इस प्रकार का कठोर, संहत, काले रंग का चमकीला कोयला जिसमें कार्बन की मात्रा 85 प्रतिशत से 95 प्रतिशत तक होती है। इसमें वाष्पशील पदार्थ की मात्रा कम होती है और यह मंद गति से जलता है। जलने के पश्चात् बहुत कम राख बनती है।
Antifriction alloys
प्रतिघर्षण मिश्रातु
बेयरिंग बनाने में काम आने वाले बैब्टि मिश्रातु और कुछ अन्य मिश्रातु ये प्रायः तांबा, सीसा, वंग, ऐन्टिमनी, ऐलुमिनियम और जस्त के मिश्रातु होते हैं। इनकी विशेषता यह है कि बेंयरिंग में इनके इस्तेमाल से घर्षण शक्ति की हानि कम होती है।
Antifriction metals
प्रतिघर्षण धातु
देखिए-- Bearing metals
Antimonial lead
ऐन्टिमनीय सीसा
संक्षारणरोधी सीसा मिश्रातु जिसमें 30% ऐन्टिमनी और शेष सीसा होता है। इसका उपयोग बैटरी प्लेटों और रासायनिक संयंत्रों में आस्तर के रूप में किया जाता है।
Antimony bronze
ऐन्टिमनी कांस्य
एक ताम्र मिश्रातु जिसमें 1.5-2.5% Ni और 7-8% Sb होता है। यह अत्यंत मजबूत होता है और इसका उपयोग गियरों को बनाने में किया जाता है।
Anvil effect
निहाई प्रभाव
दंतुरण कठोरता-परीक्षण में प्रतिदर्श में उत्पन्न स्थानीय उभार। यह उभार उस पार्श्व के सामने पीछे की ओर दूसरी तरफ बनता है जिस पर मुद्रांक किया जाता है। ऐसे उभार से त्रुटिपूर्ण कठोरता मान प्राप्त होते हैं और यह उभार तब उत्पन्न होता है जब प्रतिदर्श बहुत पतला हो।
Apatite
ऐपटाइट
कैल्सियम का एक अयस्क, जिसका सूत्र [3 Ca3(PO4)2 CaF2] है। यह कैल्सियम के फॉस्फेट तथा फ्लुओराइड का द्विलवण है। इसमें फ्लुओराइड के स्थान पर क्लोराइड भी हो सकता है जिसे क्लोर-ऐपाटाइट कहते हैं। अक्सर फ्लुओराइड और क्लोराइड साथ पाए जाते हैं। यह आग्नेय शैलों में प्राथमिक घटक के रूप में तथा कशेरुक जीवों की अस्थियों एवं दाँतों में पाया जाता है। कठोरता 5, आपेक्षिक घनत्व 3-2।
Aquaregia
ऐक्वारेजिया
नाइट्रिक अम्ल और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का आयतन की दृष्टि से 1 : 3 के अनुपात में मिश्रण। यह जंगरोधी इस्पात के लिए रसोत्किरक (etchant) का कार्य करता है। इसका प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए क्योंकि यह तीव्रता के साथ क्रिया करता है। ग्लिसरीन में ऐक्वारेजिया के विलयन (जिसमें आयतनानुसार 20 मिली नाइट्रिक अम्ल, 40 मिली हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और 60 मिली ग्लिसरीन होता है) का उपयोग लोह-क्रोमियम मिश्रातुओं और आस्ट्रेनाइटी क्रोमियम-निकैल इस्पातों के रसोत्किरण के लिए होता है।