A.S.T.M., number
(American Society for Testing Materials)
ए०एस०टी०एम० संख्या
ए.एस.टी.एम. संख्या निम्नलिखित वयंजक द्वारा व्यक्त की जाती है--
n = 2 N-¹
जिसमें N, ए०एस०टी०एम० संख्या और n, 100 आवर्धन (magnification) पर प्रति वर्ग इंच क्षेत्र में कणों की संख्या है। जैसे जैसे ए० एस० टी० एम० संख्या बढ़ती जाती है वैसे-वैसे कण-आमाप घटता जाता है।
Aston-Byer's process
ऐस्टन-बायर प्रक्रम
पिटवाँ लोहा बनाने का प्रक्रम जिसे आलेडन का वैकल्पिक प्रक्रम माना जा सकता है। लोह ऑक्साइड और सिलिका से बने धातुमल को खुली भट्टी में पिघलाया जाता है। फिर एक लैडल में उड़ेल कर उसमें धीरे धीरे बेसेमरीकृत कच्चा लोहा (Pig iron) मिलाया जाता है। जब गैस का निकलना बंद हो जाता है तो लैडन में रखे द्रव्य का निःसादन (Setling) होने दिया जाता है। धातुमल सतह पर आ जाता है और उसे निकाल दिया जाता है। शेष धातु का पीडन और बेलन करने से आलोडित लोहे जैसा पदार्थ प्राप्त होता है। उसे बायर प्रक्रम भी कहते हैं।
Atlas alloy
ऐटलस मिश्रातु
एक ताम्र मिश्रातु जिसमें 9% Al और 1% Fe होता है। इसका ऊष्मा उपचार किया जा सकता है और यह ऊष्मारोघी और बहुत मजबूत होता है। इसका उपयोग वायु इंजनो में किया जाता है।
Atomic arc weilding
परमाण्विक आर्क वेल्डिंग
आर्क वेल्डिंग प्रक्रम जिसमें दो टंगस्टन इलेक्ट्रोडों के बीच बने आर्क में हाइड्रोजन प्रधार प्रवाहित किया जाता है। इससे हाइड्रोजन अणुओं के अपघटन से हाइड्रोजन परमाणु प्राप्त होते हैं। हाइड्रोजन परमाणुओं के पुनः संयुक्त होने से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है जो आपस में जोड़ने वाली धातुओं को गलाने के काम आती है। यह विधि 18/8 प्रकार के इस्पात के वेल्डिंग के लिए विशेष रूप से लाभदायक है और उस अवस्था में विशेष रूप से उपयोगी होती है जब पॉलिश के बाद वेल्ड-धातु और मूल चादर के बीच रंग के मेल की आवश्यकता होती है।
कणीकरण
पिघली धातु को छोटे छोटे कणों में विकसित करना जो ठंडा होने पर ठोस में बदल जाते हैं। सामान्य कणीकारक में एक क्रुसिबल होता है जिसमें पिघली धातु रखी रहती है। इस क्रुसिबल के पैंदे में एक सूक्ष्म छिद्र होता है जिससे होकर धातु पतली धारा के रूप में बाहर निकलती है। धातु की धारा का कणीकरण उच्च दाब पर उससे टकराने वाली हवा, भाप या पानी द्वारा किया जाता है। इसे द्रव विघटन भी कहते हैं।
Atrament process
एट्रामेंट प्रक्रम
देखिए-- Phosphatizing
Auer metal
ऑएर धातु
एक स्वजलनी फेरस मिश्रातु जिसमें 35% लोहा और 25% मिश्र धातु होता है। इसका उपयोग हल्के फ्लिंटों में होता है।
Ausforming
अभिरूपण
उन इस्पातों के साथ की जाने वाली एक तापयांत्रिक क्रिया जिनके टी०टी०टी० आरेख में पर्लाइट और बेनाइट तापों के बीच काफी अंतराल होता है। इस बात का ध्यान रखते हुए कि पर्लाइट न बने, इस्पात को पर्लाइट तथा बेनाइट तापों के अंतराल तक ठंडा किया जाता है। फिर उसे बेल्लित कर मार्टेन्साइट रूपांतरण-ताप से कम ताप तक ठंडा किया जाता है। ऑसकृत इस्पात मजबूत और भंगुर होता है। इसमें लोहे के अलावा 0.4% कार्बन, 5.00% क्रोमियम, 1.3% मॉलिब्डेनम, 1% सिलिकन और 0.5% वैनेडियम होता है।
Austempering
ऑसपायन
इस्पात के ऊष्मा उपचार के अंतरायित शमन प्रक्रम जिसमें इस्पात को क्रांतिक परास से ऊपर उपयुक्त ताप तक गरम किया जाता है ताकि वह ऑस्टेनाइटी हो जाए। फिर किसी प्रचलित विधि से सामान्य ताप तक ठंडा करने के बजाय इस्पात को गरम शमन कुंड मे डाल दिया जाता है। इस कुंड का पूर्वनिर्धारित स्थिर ताप बना रहता है जो क्रांतिक परास से कम किंतु मार्न्टसाइटी परिवर्तनांक (change point) से अधिक होता है। यह प्रायः 260°C से 370°C के बीच में होता है। इस्पात को इस ताप पर कुछ समय तक रखा जाता है ताकि ऑस्टेनाइटी का बेनाइट में पूर्णतया रूपांतरण हो जाए। इसके बाद पदार्थ को किसी सुविधाजनक विधि से सामान्य ताप तक ठंडा कर दिया जाता है।