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Itihas Paribhasha Kosh (English-Hindi)
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Eagle
गरूड़
(क) गरूड़ पक्षी की आकृति के समान वस्तु; विशेषकर, प्रतीक के रूप में बनी रचना।
(ख) प्राचीन रोमवासियों का ध्वज, जिस पर गरूड़ की आकृति बनी होती थी।
(ग) किसी देश की मुद्रा या उसका ध्वज, जिसमें प्रतीक के रूप में, गरूड़ की आकृति बनी हो। बोनापार्ट के शासनाधीन फ्रांस के राजचिह्न और संयुक्त राज्य अमरीका के राजचिह्न में प्रयुक्त आकृति।
(घ) गिरजाघर का पाठ-मंच, जिसका काष्ठ-आधार पंख फैलाए हुए गरूड़ के आकार जैसा हो।
(ङ) उकाब; बड़ी जाति का विशाल गिद्ध पक्षी, जिसे भारतीय धर्म कथाओं में 'विष्णु' का वाहन कहा गया है।

Ealder man
एल्डरमेन
किसी नगर के विधायी निकाय का सदस्य।

Earl
अर्ल
(1) मूल रूप में, अभिजातवर्गीय आंग्ल-सेक्सन योद्धा। नवीं शताब्दी में, डेनमार्क की सेनाओं में, जो नेता राजकीय परिवार के न थे, ‘अरेल’ कहे जाते थे। दसवीं शताब्दी में, डेनमार्क में उन्होंने वे समस्त कार्य किए, जो अन्यत्र एल्डरमेन करते थे।
डेन जातीय इंग्लैंड के राजा केन्यूर (सन् 1017-1037 ईo) के समय में, ‘अर्ल’ वे सभी कार्य करते थे जो एल्डरमेन किया करते थे। अर्ल का पद राजनीतिक तथा प्रशासनिक दोनों कारणों से बनाया गया था।
(2) एडवर्ड कन्फेसर (सन् 1046-66 ईo) और हेरल्ड द्वितीय (सन् 1066 ईo) के राज्यकाल में, ‘अर्ल’ पद पैतृक नहीं था। ‘अर्ल’ काउन्टी न्यायालय के अध्यक्ष का कार्य करते थे और नागरिक सेना का नेतृत्व भी। नार्मन विजय के बाद भी ‘अर्ल’ का पद पूर्ववत् बना रहा। 12 वीं शताब्दी से यह पद शासकीय की अपेक्षा अभिजात वर्गीय बन गया।
(3) ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के अभिजात वर्ग में, मार्क्विस तथा वाइकाउन्ट के बीच का वर्ग।
अर्ल का पद अन्य यूरोपीय देशों के काउन्ट के समतुल्य होता है। सामंत काल में, अर्ल को, काउन्टी पर शासन करने के पुश्तैनी अधिकार प्राप्त थे।
अब यह शब्द अभिजात वर्ग के लिए प्रयुक्त होता है।

Earldom
अर्लपद, अर्लक्षेत्र
अर्ल की पदवी; उसका अधिकार-क्षेत्र या पद।

Early Guptas
पूर्व गुप्त वंश, पूर्व गुप्त वंशीय राजा
प्राचीन भारत का राजवंश, जिसमें अनेक प्रसिद्ध सम्राट हुए। इस वंश का प्रथम ऐतिहासिक राजा चंद्रगुप्त (320-335 ईo) था, जिसने गुप्त संवत् चलाया। चंद्रगुप्त प्रथम का पुत्र सम्राट समुद्रगुप्त (335-375 ईo या 330-80 ईo) तत्कालीन महान् विजेता था। उसके बाद उसका पुत्र चंद्रगुप्त विक्रमादित्य (375 ईo 415 ईo) एक महान् शासक बना। उसके काल में, चीनी यात्री फाहियान भारत आया था। उसके उपरांत पूर्व कालीन गुप्त वंश में, कुमार गुप्त (415 ईo 455 ईo) तथा स्कन्दगुप्त (455 ईo – 467 ईo) प्रमुख शासक हुए। पूर्व गुप्त वंश में कुल मिलाकर दस राजा हुए। गुप्त काल भारतीय इतिहास का ‘स्वर्णयुग’ कहा जाता है।

Early (historic) sites
पूर्वकालीन (ऐतिहासिक) स्थल
प्राचीन इतिहास से संबंधित स्थल।

Early Vedic period
पूर्व वैदिक काल
ऋग्वेद में प्रतिबिंबित काल।

Ecclesia
नागरिक सभा
प्राचीन एथेन्स की लोकप्रिय सभा, जहाँ जनता अपनी पूर्ण प्रभुसत्ता का प्रयोग-व्यवहार करती थी। बीस वर्ष से ऊपर उम्र वाले प्रत्येक पुरूष नागरिक को मत देने का अधिकार प्राप्त था। पहले यह नागरिक सभा, अगोरा (Agora), उसके बाद निक्स (Pnyx) और अंत में, डायोनिसिस (Dionysis) की रंगशाला में आयोजित की जाती थी। सामान्यतः मतगणना हाथ उठाकर की जाती थी, परन्तु कुछ मामलों में गुप्त मतदान की व्यवस्था थी।

Edict of Restitution
प्रत्यास्थापन धर्मादेश, प्रत्यास्थापनराजादेश, एडिक्ट ऑफ रेस्टिट्यूशन
तीस वर्षीय युद्ध में, प्रोटेस्टेंट-समर्थक सेनाओं की पराजय होने पर, सम्राट फर्डिनेन्ड द्वितीय ने, 29 मार्च, सन् 1629 ईo के दिन यह ड‍िक्री घोषित की जिसके अनुसार पासू के सम्मेलन के समय से जब्त हुई धार्मिक संपदाओं को लौटा दिया गया। इस ड‍िक्री ने दो आर्कबिशपों, 12 बिशपों, 120 मठों तथा अन्य धार्मिक प्रतिष्ठानों को प्रभावित किया। उन दिनों केवल ऑग्सबर्ग (Augsburg) धर्म-सिद्धान्तों के मतानुयायियों को अपने धर्म पालन करने में स्वतंत्रता प्राप्त थी और अन्य दूसरे संप्रदाय भंग हो चुके थे। वेलेन्स्तीन (Wallenstein) ने, उस राजविज्ञप्ति को शब्दशः अत्यधिक कठोरता से क्रियान्वित किया।

Eight fold path
अष्टांगिक मार्ग
महात्मा बुद्ध के चार सत्यों में से एक, जिसका अनुसरण करने से मनुष्य निर्वाण प्राप्त कर सकता है। निर्वाण प्राप्ति के लिए महात्मा बुद्ध ने, निम्नलिखित आठ मार्ग बतलाए (1) सम्यक् दृष्टि (2) सम्यक् संकल्प (3) सम्यक् वाक (4) सम्यक् कर्म (5) सम्यक् आजीविका (6) सम्यक् व्यायाम (7) सम्यक् स्मृति और (8) सम्यक् समाधि।


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