किसी स्त्री के चलने से यह मालूम हो जाता है कि वह कैसी है। उसकी चाल से यह पता लग जाता है कि वह खाना कैसा बनाएगी। चंचल स्त्री का काम अच्छा होगा और मंद स्त्री का कार्य ढीला-ढाला होगा।
किसी स्त्री के स्वभाव का पता उस के चलने की गति से हो जाता है। इसी परिपेक्ष्य में यह कहावत कही जाती है।