लसीका वाहिकाओं का फैलाव (विस्तार) हो जाने के कारण पुटीमय लसीका अवकाशों (cystic lymph spaces) का बन जाना और इन्हीं थैलों में लसीका का भर जाना। यह अर्बुद त्वचा के केशिका लसीका वाहिकार्बुद (capillary lymphangioma) के साथ भी हो सकता है। इस अर्बुद के किनारे अक्सर सुस्पष्ट नहीं होते जिसकी वजह से अर्बुद को काटकर बाहर निकालना (पूर्ण अच्छेदन-total excision) मुश्किल हो जाता है।
Cavernous Haemangioma
गुहावरी रक्तवाहिकार्बुद
रक्तवाहिकार्बुद का एक प्रकार जो कभी -कभी एक ही व्यक्ति के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में मिलता है। यह यकृत् (जिगर), फुप्फुस (फेफड़े), और अस्थियों में पाया जाता है। अस्थियों में अर्बुद धमनी शिरा साहचर्य उत्पन्न करते हैं जिससे एक शाखा (limb) बड़ी हो जाती है। इसकी चिकित्सा भी वही है जो त्वक् विक्षतियों में सामान्य रक्त - वाहिकार्बुद की है। फुप्फुस विक्षतियों के उच्छेदन (काटकर बाहर निकाल देने) की आवश्यकता की सामान्यतः संरक्षी में उत्पन्न विक्षतियों की सामान्यतः संरक्षी चिकित्सा की जाती है।
Cholecysto- Duodenostomy
पित्ताशय ग्रहणी सम्मिलन
शस्त्रकर्म द्वारा पित्ताशय और ग्रहणी को जोड़ना।
Cecocolostomy
उंडुक वृहदान्त्र सम्मिलन
शस्त्रकर्म द्वारा उंडुक तथा वृहदान्त्र को जोड़ना।
Cecosigmoidostomy
उण्डुक अवग्रहान्त्र- सम्मिलन
शस्त्रकर्म द्वारा उंडुक तथा अवग्रहान्त्र को जोड़ना।
Cecostomy (Caecostomy)
उंडुक छिद्रीकरण
शस्त्रकर्म द्वारा उंडुक में छेद करके उदरभित्ति के ऊपर खोलना।
Cecum (Caecum)
उंडुक
बृहदन्त्र का पहला भाग।
Celiectomy
उदरस्थावयव छेदन
शस्त्रकर्म द्वारा उदर से किसी भी अवयव को काटकर निकालना। शस्त्र कर्म द्वारा वेगस् नाड़िकी सीलिएक शाखाओं को काटकर निकाल देना।